कारगिल के शहीदों के शौर्य-पराक्रम को किया याद: टीचर ने सुनाई युद्ध की कहानी, बोले- पाकिस्तान से 140 पोस्ट वापस ली थीं – Seoni News

कारगिल के शहीदों के शौर्य-पराक्रम को किया याद:  टीचर ने सुनाई युद्ध की कहानी, बोले- पाकिस्तान से 140 पोस्ट वापस ली थीं – Seoni News


सिवनी के प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस पीजी कॉलेज में कारगिल विजय दिवस का आयोजन किया गया। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. रविशंकर नाग ने बताया कि कारगिल विजय को आज 26 वर्ष पूर्ण हुए हैं। देश के युवाओं को हमारी सेनाओं के शौर्य व पराक्रम से परिचित कराने क

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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जनभागीदारी अध्यक्ष अजय बाबा पाण्डेय ने कहा कि कारगिल युद्ध सबसे विषम परिस्थिति में लड़े गए युद्धों में से एक है। उन्होंने बताया कि इस लड़ाई में हम हर प्रकार से चुनौतियों से घिरे थे। 18000 फीट की ऊंचाई पर दुश्मन बैठा था। हमारे सैनिकों को वहां पहुंचकर 140 पोस्ट को दुश्मन के कब्जे से वापस लेना था। फिर भी हमारे सैनिकों ने इस युद्ध में विजय प्राप्त कर अपने पराक्रम का लोहा मनवाया।

एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट पवन कुमार वासनिक ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि पड़ोसी मुल्क ने धोखे से हमारी ऊंचाई वाली 140 पोस्ट पर कायरता से कब्जा कर लिया था। जिसकी जानकारी हमारी सेना को देर से मिली। फिर भी इस कठिन चुनौती को स्वीकार कर हमारे सैनिक आगे बढ़ते रहे और दुश्मन के मनसूबे पर पानी फेर दिया।

उन्होंने बताया कि लगभग 60 दिन चली इस लड़ाई का सफल अंत हुआ। 14 जुलाई 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने घुसपैठियों के खिलाफ चले ऑपरेशन विजय की सफलता का ऐलान किया था। 26 जुलाई 1999 को आधिकारिक तौर पर कारगिल युद्ध की समाप्ति हुई थी।

क्रीड़ा अधिकारी के.सी. राउर ने कहा कि कारगिल विजय दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमारे सैनिकों ने किस प्रकार अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने हमारे देश की सुरक्षा सुनिश्चित की। यह हमारे लिए एक प्रेरणा स्रोत है और हमें अपने सैनिकों पर गर्व है। हम सभी को उनके बलिदान और उनकी वीरता के लिए सदैव कृतज्ञ रहना चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों द्वारा मोमबत्तियां प्रज्वलित कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।



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