कोर्ट का निर्देश-रिश्तेदारों के साथ रहेगा 12 साल का बच्चा: काउंसिलिंग में बेटे ने बताया-मां ने ही दबाया था पिता का गला – Gwalior News

कोर्ट का निर्देश-रिश्तेदारों के साथ रहेगा 12 साल का बच्चा:  काउंसिलिंग में बेटे ने बताया-मां ने ही दबाया था पिता का गला – Gwalior News



जिस बेटे की जान को खतरे में बताकर मां ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। उसी बेटे ने पुलिस और सरकारी वकील के सामने मां की कलई खोल दी। 12 साल के बच्चे ने मां के साथ रहने से इनकार करते हुए कहा-पिता की मृत्यु से पहले मां उनसे लड़ती थी। मां को मैंने

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सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने 12 साल के यश को बालिग होने तक परिजन प्रमोद, सुरेश और चंदन कुशवाह के साथ रहने की अनुमति दी। साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि ग्राम चक मेहगांव स्थित लगभग 1.495 हेक्टेयर जमीन यश और उसके छोटे भाई आयुष के नाम रहेगी।

ग्वालियर कलेक्टर उक्त जमीन को किराए पर देने का प्रबंध करेंगी ताकि जो भी आय हो, वो यश के खाते में जमा की जाएगी। विधिक सेवा समिति प्रम​ख वरिष्ठ न्यायाधीश बच्चे की​ निगरानी करेंगे । हाई कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया कि थाना प्रभारी करहैया हर 15 दिन में बच्चे से उसका हालचाल जानेंगे और ट्रांसफर होने की स्थिति में अपने साथी एसएचओ को कोर्ट के आदेश से अवगत कराएंगे।

मां ने छोटे बेटे को साथ रखा था

मां छोटी कुशवाह ने याचिका दायर कर बड़े बेटे यश को साथ रखने की मंशा जताई। कोर्ट को बताया कि बेटा पति के रिश्तेदारों के साथ रह रहा हैं,जिनकी नजर बेटे के नाम जमीन पर है। इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि जमीन अपने नाम करने के बाद बेटे को उसके हाल पर छोड़ दिया जाए।

इस पर कोर्ट को बताया गया कि याची और उसके पति आपसी सहमति से तलाक ले रहे थे। तब ये तय हुआ था कि बड़ा बेटा पिता और छोटा बेटा आयुष मां के साथ रहेगा। 30 अप्रैल 2025 को पति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। इसके बाद भी बड़ा बेटा यश मां के साथ नहीं बल्कि प्रमोद (पिता के रिश्तेदार) के साथ रहा। अभी भी वह प्रमोद के साथ ही रहने का इच्छुक है।ऐसे में मां का ये आरोप कि प्रमोद जमीन हड़पना चाहता है। केवल इस शंका के आधार पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता।

हाई कोर्ट ने पढ़ाई पर जताई उम्मीद

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान यश ने बताया कि वह कक्षा सातवीं का छात्र है। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि यश मन लगाकर पढ़ाई करेगा ताकि अपना भविष्य उज्जवल बना सके। कोर्ट ने ये भी कहा कि यश की पढ़ाई से लेकर सभी जिम्मेदारी प्रमोद व अन्य तीन के कंधों पर रहेगी।



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