देश का पहला VVIP पेड़, सुरक्षा में खर्च हुए 1 करोड़, एक पत्ता भी सूखा तो टेंशन में आ जाते हैं अफसर

देश का पहला VVIP पेड़, सुरक्षा में खर्च हुए 1 करोड़, एक पत्ता भी सूखा तो टेंशन में आ जाते हैं अफसर


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VVIP Tree in MP : सांची स्तूफ से 8 किलोमीटर दूर एक छोटा सा शहर बसा है. नाम है सलामतपुर. सलामतपुर के पास 100 एकड़ की पहाड़ी है. इसी पहाड़ी पर देश का पहला वीवीआईपी पेड़ लगा हुआ है. यह पेड़ इतना खास है कि इसकी सुरक्षा…और पढ़ें

एमपी के रायसेन जिले में देश का VVIP पेड़ लगा हुआ है, जिसकी सुरक्षा में 24 घंटे गार्ड तैनात रहते हैं….
भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और विदिशा के बीच सलामतपुर में देश का पहला वीवीआईपी पेड़ लगा हुआ है. 24 घंटे चार गार्ड यहां पर पहरा देते हैं. अगर एक पत्ता भी टूट जाए तो गार्ड से लेकर एसडीएम-कलेक्टर तक टेंशन में आ जाते हैं. इस पेड़ की सुरक्षा में अब तक करीब 1 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. इस वीवीआईपी पेड़ को को सुरक्षित रखने के लिए इसके चारों ओर करीब 15 फीट ऊंची जाली लगाई गई है. सांची नगर परिषद, पुलिस, राजस्व और उद्यानिकी विभाग मिलकर इस पेड़ का रखरखाव करते हैं. हर महीने सभी अधिकारी जिला कलेक्टर को पेड़ से जुड़ी रिपोर्ट देते हैं.

गर्मियों में इस पेड़ के लिए खासतौर पर पानी के टैंकर का इंतजाम किया जाता है. यह पेड़ 100 एकड़ में फैली पहाड़ी पर लगा है. पेड़ को बीमारी से बचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी हर हफ्ते दौरा करते हैं. ये सब जिला कलेक्टर की देखरेख में होता है. इस 100 एकड़ की पहाड़ी पर सांची बौद्ध यूनिवर्सिटी अब बन गई है. जहां पर पेड़ लगा हुआ है, उसके बगल में सांची का स्तूप है. पूरे क्षेत्र को बौद्ध सर्किट के नाम से डेवलप किया गया है. यह बोधि वृक्ष है. यानी पीपल का पेड़ है. 21 सितंबर 2012 में श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महेंद्रा राजपक्षे ने इस वृक्ष को रोपा था. उस समय के एमपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे थे.

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पेड़ तक पहुंचने के लिए हाइवे से बनाई गई है एक पक्की सड़क

पेड़ तक पहुंचने के लिए भोपाल-विदिशा हाइवे से एक पक्की सड़क बनाई गई है. इस पेड़ से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर त्रिमूर्ति तिराहा स्थित है. त्रिमूर्ति तिराहा भोपाल से करीब 40 किलोमीटर दूर है. विदिशा यहां से करीब 20 किलोमीटर है. रायसेन 16 किलोमीटर की दूरी पर है. सलामत रेलवे स्टेशन भी है. यहां पर पैसेंजर ट्रेन रुकती हैं. भोपाल से मेमो ट्रेन सुबह 07:15 पर निकलती है. सलामतपुर से सांची बौद्ध यूनिवर्सिटी करीब 5 किलोमीटर दूर है.. मान्यता है कि इसी पेड़ के नीचे बैठ भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. सम्राट अशोक को भी शांति की खोज करने की प्रेरणी इसी पेड़ से मिली थी.

Chaturesh Tiwari

An accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M…और पढ़ें

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VVIP पेड़, 24 घंटे तैनात रहते हैं गार्ड, एक भी पत्ता सूखा तो घबरा जाते हैं अफसर



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