असल में ये कारनामा कर रही है एक ‘बिना बारूद वाली बंदूक’, जो नागपुर से आए कुछ युवाओं ने यहां बेचनी शुरू कर दी है. देखने में तो ये बंदूक प्लास्टिक की होती है, लेकिन इसका धमाका… बस पूछिए मत!
इसमें न गोली लगती है, न बारूद लगता है, बस काम आता है थोड़ा-सा कैल्शियम कार्बाइड. जैसे ही इसके छोटे पाइप में कार्बाइड डालकर पानी की एक बूंद डाली जाती है, अंदर से गैस बनती है और फिर… धड़ाम!
ऐसी जोरदार आवाज़ होती है कि पास खड़ा आदमी भी चौंक जाए. ना कोई करंट, ना कोई ब्लास्ट – सिर्फ देसी साइंस और धमाका!
हर गली, हर नुक्कड़ पर बस ‘धड़ाम-धड़ाम’
बच्चे हों या जवान, हर कोई इस देसी बंदूक को लेकर मस्त है. लोग इसे बस देखते ही खरीद रहे हैं. दुकानदार कह रहे हैं “भैया, सुबह जितनी लाते हैं, शाम तक सब उड़ जाती हैं.” नागपुर के लड़कों की ये टीम खंडवा के हर इलाके में घूम-घूमकर इसे बेच रही है, और हर जगह लोगों की भीड़ जुट रही है.
खतरनाक नहीं, मजेदार है ये खिलौना
कई लोग सोचते हैं कि ये कहीं खतरनाक तो नहीं, लेकिन असल में ये सिर्फ आवाज़ करती है. कोई आग नहीं, कोई चोट नहीं बस मनोरंजन और थोड़ा-सा रोमांच!