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खंडवा के एक किसान ने हरियाणा से गाय मंगाई और उनका दूध का व्यापार चल पड़ा. गाय की ये नस्ल बेहतरीन है. ये अमेरिका और यूरोप से भारत लाई गई थी. (रिपोर्ट: सावन पाटिल)
किसान अब पारंपरिक पशुपालन से आगे बढ़कर आधुनिक नस्ल की ओर रुख कर रहे हैं. गौसेवा तो वर्षों से की जाती रही है, लेकिन अब इस सेवा में एक ऐसी नस्ल जुड़ गई है, जो सेवा का मेवा दे रही है. इस नस्ल का नाम HF Jersey गाय है.

खंडवा के मलगांव में एक किसान ने इस नस्ल की गाय पालकर ऐसा उदाहरण पेश किया कि बाकी किसान भी प्रेरित हो रहे हैं. मलगांव के राकेश पटेल बताते हैं कि वह कई सालों से दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. पहले उनके पास देसी गायें थीं. लेकिन, दूध उत्पादन बहुत कम होता था.

कई बार ऐसा होता कि महीनों तक गाय दूध ही नहीं देती थी, जिससे व्यवसाय में नुकसान हो रहा था. उन्होंने HF Jersey नस्ल की गायों के बारे में जानकारी जुटाई और हरियाणा से सीधे एक गाय ₹1 लाख 10 हजार की कीमत में मंगवाई.

राकेश पटेल बताते हैं कि HF Jersey गाय एक दिन में औसतन 30 से 32 लीटर दूध देती है. एक समय पर 15 से 16 लीटर और दोनों समय मिलाकर कुल मिलाकर 30 लीटर से ज्यादा दूध मिलता है. दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों ही बेहतर होती है.

साथ ही यह नस्ल गर्मी में भी सहनशील रहती है. सही देखरेख में लंबे समय तक अच्छा उत्पादन देती है. HF यानी होलस्टीन फ्रिजियन नस्ल की गाय अमेरिका और यूरोप से भारत में लाई गई थी. इसे अब भारतीय माहौल के अनुसार अनुकूलित किया गया है.

इसकी सबसे बड़ी खासियत यही है कि यह अन्य गायों की तुलना में दूध ज्यादा देती है. इसके अलावा इसका शरीर बड़ा और स्वास्थ्य अच्छा होता है, जिससे इसमें बीमारियों की संभावना भी कम रहती है.

राकेश बताते हैं कि शुरुआत में लोग मज़ाक उड़ाते थे कि एक गाय पर इतना पैसा खर्च करना बेकार है. लेकिन, जब पहली बार दूध निकला और वो हर दिन तीस लीटर के करीब आने लगा, तब वही लोग पूछने लगे कि कहां से ली? कैसे रखी जाती है? और क्या खिलाया जाता है?

आज राकेश के पास दो HF Jersey नस्ल की गायें हैं और उनका पूरा परिवार दूध के व्यापार से जुड़ गया है. दूध खंडवा, पंधाना और बुरहानपुर तक भेजा जाता है, जिससे रोज़ की अच्छी कमाई हो जाती