बीजेपी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अध्यक्ष से मुलाकात करने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। अभी तक अध्यक्ष के कार्यालय में मेल-मुलाकात का कोई निश्चित समय और दिन तय नहीं था। लेकिन, अब बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल हफ्ते में दो दिन सो
.
बुधवार से लेकर रविवार तक प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल जिलों के प्रवास, बैठकें और पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल होंगे। प्रदेश अध्यक्ष से भेंट-मुलाकात का दिन तय होने से प्रदेश कार्यालय में रोजाना नेताओं, कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की लगने वाली भीड़ कम होगी।
जिला कार्यालयों में भी व्यवस्था बदलेगी बीजेपी के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ने सभी जिला अध्यक्षों से कहा है कि वे कार्यालय में सातों दिन न बैठें। दो दिन जिला कार्यालय पर रहने के लिए तय करें और बाकी दिनों में जिले में आने वाले मंडलों और विधानसभा क्षेत्रों में प्रवास के कार्यक्रम बनाएं।
प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल।
जिला कार्यालयों पर मिलेंगे विधायक, सांसद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने जिला अध्यक्षों को ये सलाह दी है कि वे विधायकों, सांसदों से चर्चा करके उनके साथ जिला कार्यालय पर बैठें। इससे कार्यकर्ताओं और आम जनता में अच्छा संदेश जाएगा। शनिवार-रविवार के दिन विधायकों, सांसदों को अपने जिले के भाजपा कार्यालय पर बैठकर कार्यकर्ताओं और आम जनता से मेल मुलाकात करने की सलाह है।

हेमंत खंडेलवाल ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के घर जाकर मेल-मुलाकात करना शुरू किया है।
प्रदेश कार्यालय में बैठेंगे मंत्री भोपाल में भाजपा के प्रदेश कार्यालय में राज्य सरकार के एक मंत्री को रोज बैठने की व्यवस्था पर मंथन चल रहा है। राज्य सरकार के मंत्री पार्टी के प्रदेश कार्यालय में बैठकर कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनेंगे।शिकायती आवेदनों को संबंधित विभागों में भेजकर निराकरण कराएंगे। इससे कार्यकर्ताओं की मंत्रियों से सहज मुलाकात भी हो सकेगी और समस्याएं भी आसानी से सुलझ जाएंगी।
भोपाल ऑफिस के चक्कर लगाने वालों को दी नसीहत हेमंत खंडेलवाल ने पार्टी के जिला अध्यक्षों और प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में कहा था कई कार्यकर्ता ऐसे हैं, जो मुझे सातों दिन यहीं (प्रदेश भाजपा कार्यालय) में दिखते हैं। जिसको जहां दायित्व मिला है उन्हें वहां समय देना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष की इस टिप्पणी के बाद प्रदेश कार्यालय में रोजाना चक्कर लगाने वाले नेताओं का आना कम हो गया है।