स्कूलों की दीवारों में दरार और छत भी टपक रही: शादापुर के 289 सरकारी स्कूलों की मरम्मत का इंतजार, सिर्फ 54 को मिली मंजूरी – shajapur (MP) News

स्कूलों की दीवारों में दरार और छत भी टपक रही:  शादापुर के 289 सरकारी स्कूलों की मरम्मत का इंतजार, सिर्फ 54 को मिली मंजूरी – shajapur (MP) News


राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत के बाद दैनिक भास्कर की टीम ने शाजापुर जिले के सरकारी स्कूलों की स्थिति का जायजा लिया। जांच में पाया गया कि यहां भी कई स्कूल भवन जर्जर हालत में हैं।

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कई स्कूलों की दीवारें टूटी हुई हैं और छतों से पानी टपक रहा है। कुछ पुराने स्कूल भवनों की छतों पर केवल कवेलु और चद्दर लगे हुए हैं। इन स्कूलों में बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। जिला मुख्यालय पर भी ऐसे विद्यालय हैं जहां कभी भी हादसा हो सकता है।

अभिभावकों में इन स्कूलों के कारण भय है, लेकिन मजबूरी में उन्हें अपने बच्चों को इन्हीं स्कूलों में भेजना पड़ता है।

शाजापुर जिले में कुल 894 सरकारी स्कूल हैं। इनमें 427 प्राथमिक विद्यालय, 351 माध्यमिक विद्यालय, 50 हाईस्कूल और 66 हायर सेकंडरी विद्यालय शामिल हैं।

जर्जर दीवारें, पास में ही कमरे टूटे हुए हैं, (शासकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय सोमवारिया )

जिला शिक्षा केंद्र ने कक्षा 1 से 8 तक के 289 स्कूलों की मरम्मत का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन शासन द्वारा सिर्फ 54 स्कूलों की मरम्मत के लिए स्वीकृति दी गई है। बजट न आने के कारण इन स्वीकृत स्कूलों का भी अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है।

दीवाल से गिर रहा प्लास्टर, (शासकीय उर्दू कमरदीपुरा )

दीवाल से गिर रहा प्लास्टर, (शासकीय उर्दू कमरदीपुरा )

शेष 235 स्कूल अभी भी मरम्मत की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा।

तलाव की पाल निवासी अनीश पठान ने बताया कि यह स्कूल लगभग 15 से 20 साल पुराना है। स्कूल का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है और जगह-जगह दीवारों में दरारें पड़ रही हैं। मेरे खुद के दो बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं। हाल ही में राजस्थान में जो हादसा हुआ, वैसा ही अगर यहां हो गया तो स्थिति बहुत गंभीर हो जाएगी।

डीपीसी अनुराग पांडे ने बताया कि जहां विद्यालय अत्यधिक जर्जर स्थिति में हैं, वहां बच्चों की पढ़ाई नहीं कराई जा रही है। ऐसे सभी बच्चों को अतिरिक्त कक्ष या नजदीकी मिडिल स्कूल में स्थानांतरित कर संयुक्त कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही है।



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