राजस्थान के झालावाड़ जिले में हुए स्कूल हादसे के बाद अब मप्र के स्कूलों की स्थिति भी चिंता बढ़ा रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है राजगढ जिले के खिलचीपुर के नगर माध्यमिक विद्यालय से, जहां स्कूल का भवन जर्जर हो चुका है।
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शनिवार को स्कूल भवन की नींव के नीचे से बारिश का पानी बह रहा था, जिससे जमीन धंसने लगी है।
भवन की बैठक (धंसाव) के कारण दीवारों में दरारें आ गई हैं और कक्षाओं के फर्श भी दरक गए हैं, और तो और छत की बीम तक झुक चुकी है, जिसे गिरने से बचाने के लिए नीचे लोहे की गार्डर लगानी पड़ी। कुछ समय पहले स्कूल के मुख्य गेट पर बना छज्जा भी गिर चुका है।
भवन का छज्जा कुछ दिनों पहले ही गिरा है।

स्कूल में बच्चों को पढ़ाती हुईं शिक्षिका।
विद्यालय की शिक्षिका ज्योति शर्मा ने बताया कि “हर कमरे में दरारें पड़ रही हैं, खिड़कियां तक सही से बंद नहीं होतीं। स्कूल भवन के नीचे से बारिश का पानी निकलता है, जिससे दीवारें और बीम कमजोर हो रही हैं। उन्होंने बताया कि स्थिति की जानकारी बीआरसी कार्यालय को दी जा चुकी है, लेकिन अब तक मरम्मत नहीं हो सकी है।
महज 10 साल पहले बना यह स्कूल गुणवत्ता के अभाव का उदाहरण बन गया है। करीब 215 छात्र यहां कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत हैं, लेकिन इस हालत में पढ़ाई खतरे से खाली नहीं है। हालात ऐसे हैं कि शिक्षकों के मन में भी डर बना हुआ है कि कब कौन-सा हिस्सा गिर जाए।

स्कूल के भवन में दीवार में दरारें पड़ रही हैं।




