राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की छत गिरने से 8 बच्चों की मौत हो गई है। इस हादसे में करीब 27 बच्चे घायल हुए हैं, जिनमें से 8 की स्थिति गंभीर है।
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इस दुर्घटना के बाद एमपी में शिक्षा विभाग अलर्ट हो गया है। विभाग ने जनशिक्षकों, बीएसी और बीआरसी के साथ ऑनलाइन मीटिंग की। इसमें पाया गया कि हरदा जिले के लगभग 100 सरकारी स्कूलों में मरम्मत की आवश्यकता है।
दैनिक भास्कर डिजिटल की टीम ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ सरकारी स्कूलों की स्थिति का जायजा लिया। जिला मुख्यालय पर करीब सौ साल पुराना शुक्रवारा स्कूल है, जिसमें लगी लकडियां सड़ चुकी हैं। पहले यहां कवेलू लगे थे, लेकिन विधायक निधि से मिली राशि से टिन लगाए गए हैं। फिर भी कुछ कमरों में अभी भी मरम्मत की जरूरत है।
नीलगढ़ में स्कूल की स्थिति और भी खराब टूटे कवेलू के कारण बारिश के दिनों में छत से पानी रिसता है। नगर पालिका क्षेत्र में आने वाले इस स्कूल की बिल्डिंग भी अंतिम सांसें ले रही है। यहां के शिक्षकों ने हाल ही में सांसद से भवन की मरम्मत के लिए राशि की मांग की है।
जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर ग्राम नीलगढ़ की प्राथमिक शाला की स्थिति और भी खराब है। यहां का स्कूल भवन जर्जर हो चुका है। इसके कारण पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थी एक ही कमरे में पढ़ने को मजबूर हैं।
अतिरिक्त कक्ष में भी घटिया निर्माण दिखाई देता है। कमरे की छत से पानी रिसता है और पूरे फर्श पर पानी जमा रहता है। यहां 30 से अधिक बच्चे इन्हीं परिस्थितियों में पढ़ाई करते हैं।
शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को इस समस्या से अवगत करा दिया है। जनशिक्षक इंदिरा अत्रे ने बताया कि सोमवार से मिडिल स्कूल भवन में दो शिफ्ट में स्कूल लगेगा। डीपीसी बलवंत पटेल ने पुष्टि की है कि 100 सरकारी स्कूलों के भवनों में मरम्मत की आवश्यकता है।
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