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Snake Facts: सांपों की विभिन्न प्रजातियां दिनभर में अलग-अलग मात्रा में जहर पैदा करती हैं. सांपों का जहर उनकी विष ग्रंथियों में निर्मित होता है और यह एक जटिल मिश्रण होता है. (रिपोर्टः दीपक पांडे)
भारत में सांपों की सैकड़ों प्रजातियां हैं. इनमें से कुछ जहरीली हैं, तो अधिकांश में जहर नहीं होता. “कोबरा, रसैल वाइपर, करैत और सॉ स्केल्ड वाइपर” यह चार ऐसी प्रजातियां हैं, जो मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा जहरीली मानी जाती हैं. इनके काटने पर व्यक्ति को समय पर इलाज नहीं मिले तो मौत निश्चित है.

ऐसे में सांपों को लेकर कई मिथक और धारणाएं प्रचलित हैं, जिनमें से एक यह भी है कि सांपों में जहर पैदा करने की क्षमता कितनी होती है और इंसानों को काटने पर वे कितना जहर छोड़ते हैं. इनमें कइयों का मत है कि सांपों के पास जहर का असीमित भंडार है. जबकि, इस विषय पर सर्प विशेषज्ञों की राय थोड़ी अलग है.

मध्य प्रदेश के निवासी स्नैक एक्सपर्ट महादेव पटेल ने local 18 को बताया कि, सांपों की विभिन्न प्रजातियां दिनभर में अलग-अलग मात्रा में जहर पैदा करती हैं. सांपों का जहर उनकी विष ग्रंथियों में निर्मित होता है और यह एक जटिल मिश्रण होता है. जिसमें प्रोटीन, एंजाइम और टॉक्सिन्स जैसे तत्व शामिल होते हैं.

सांपों में जहर उत्पादन की क्षमता: कोबरा जैसे विषैले सांप एक दिन में औसतन 100-200 मिलीग्राम जहर उत्पन्न कर सकते हैं. रसैल वाइपर (Viperidae) प्रजाति के सांपों में एक दिन में 50-100 मिलीग्राम औसतन जहर उत्पादन प्रतिदिन होता है.

करैत प्रजाति के सांप लगभग 10-15 मिलीग्राम जहर प्रतिदिन उत्पन्न करते हैं. सॉ स्केल्ड वाइपर प्रजाति एक दिन में औसतन 5-10 मिलीग्राम जहर उत्पादन करते है. हालांकि, विशिष्ट परिस्थितियों में कम ज्यादा हो सकता है. सांप जब इंसान या शिकार को काटता है तो वह जहर छोड़ता है.

जहर की मात्रा कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें सांप की प्रजाति, आकार, और काटने की तीव्रता शामिल है. कोबरा एक बार काटने में औसतन 5-30 मिलीग्राम जहर छोड़ सकता है. यह जहर तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डालता है और यदि समय पर उपचार न किया जाए तो घातक हो सकता है.

रसैल वाइपर के बार एक काटने में 15-50 मिलीग्राम जहर हो सकता है. यह जहर रक्त परिसंचरण और ऊतकों पर असर डालता है, जिससे गंभीर सूजन और रक्तस्राव हो सकता है. करैत द्वारा एक बार काटने में 5-7 मिलीग्राम जहर छोड़ा जा सकता है. क्योंकि इसके दांत छोटे होते है. यह जहर तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और बेहद खतरनाक हो सकता है.

सर्प विशेषज्ञ महादेव पटेल कहते हैं, सांपों के जहर की मात्रा और प्रभाव उनकी प्रजाति और परिस्थितियों पर निर्भर करता है. किसी भी सर्पदंश की स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करना आवश्यक है. आधुनिक एंटीवेनम थेरेपी अधिकांश सर्पदंश के इलाज में प्रभावी है, लेकिन समय पर उपचार होना आवश्यक है.