‘एंबुलेंस आ न सकी, मुझे 500 मीटर पैदल जाना पड़ा…’ गर्भवती महिला की आपबीती

‘एंबुलेंस आ न सकी, मुझे 500 मीटर पैदल जाना पड़ा…’ गर्भवती महिला की आपबीती


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Chhatarpur News: गर्भवती महिला प्रभा मिश्रा ने लोकल 18 को बताया कि गांव में एंबुलेंस तो आ गई थी लेकिन भीतर नहीं आ पा रही थी क्योंकि अंदर आने की जो मेन सड़क है, वो कच्ची है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिनमें प…और पढ़ें

छतरपुर. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गौरिहार तहसील के अंतर्गत आने वाले गहबरा गांव में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने लाचार सिस्टम की पोल खोल दी है. दरअसल गहबरा गांव में सड़क न होने की वजह से एक गर्भवती महिला को अपने घर से 500 मीटर दूर मेन रोड तक पैदल ही एंबुलेंस तक आना पड़ा क्योंकि गांव के भीतर खराब सड़क की वजह से एंबुलेंस नहीं आ पा रही थी. महिला के पति मनीष मिश्रा ने लोकल 18 से कहा, ‘मेरी पत्नी प्रभा को शुक्रवार को सुबह से लेबर पेन होने लगा था. शाम आते-आते ज्यादा दर्द होने लगा. इसके बाद एंबुलेंस को फोन करके बुलाया लेकिन गौरिहार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एंबुलेंस खराब थी. इस वजह से 35 किमी दूर लवकुश नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एंबुलेंस आई. रात 11 बजे एंबुलेंस तो गांव आ गई लेकिन पक्की सड़क न होने की वजह से एंबुलेंस गांव के भीतर ही नहीं घुस पाई. बहुत देर सोचते रहे कि अब क्या किया जाए. बार-बार एंबुलेंस वालों के फोन आ रहे थे लेकिन हमारा दिमाग काम नहीं कर रहा था. फिर पैदल ही दूसरी गलियों से एंबुलेंस तक आना पड़ा.’

गर्भवती महिला प्रभा मिश्रा ने बताया कि गांव में एंबुलेंस तो आ गई थी लेकिन गांव के भीतर नहीं आ पा रही थी क्योंकि अंदर आने की जो मेन सड़क है, वह कच्ची है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिनमें पानी भरा हुआ है. इस वजह से एंबुलेंस घर तक नहीं आई. जिसके बाद उन्हें गांव की संकरी गलियों से पैदल आना पड़ा. एंबुलेंस रोड पर खड़ी थी, तो यहां तक पैदल आते-आते आधे घंटे से ज्यादा का समय लग गया.

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40 मिनट किया इंतजार
एंबुलेंस के ड्राइवर ने कहा कि वह 40 मिनट पहले ही गांव आ गए थे लेकिन जैसे ही गांव के भीतर की मुख्य सड़क तक पहुंचे, तो वहां उनकी गाड़ी फंस रही थी. शासन से आदेश है कि गड्ढे और कच्ची सड़क वाले जोखिम रास्तों से होकर एंबुलेंस न ले जाएं क्योंकि इससे मरीज और वाहन दोनों को खतरा है. वह यह रिस्क नहीं ले सकते थे. जिसके बाद उन्होंने वहीं पर 40 मिनट तक इंतजार किया था.

एंबुलेंस ड्राइवर ने बताए हालात
मनीष मिश्रा ने कहा कि गांव में जब एंबुलेंस आ गई थी, तो चालक ने उनसे कहा कि सड़क बहुत खराब है. वह रिस्क नहीं ले सकते. आप कैसे भी करके यहां तक आ जाओ. जिसके बाद घर से संकरी गलियों से होते हुए पैदल ही एंबुलेंस तक आना पड़ा. जिसके चलते हमें आधे घंटे का समय और लग गया.

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