एक गलती से 50 एकड़ फसल बर्बाद, किसान भाई जरूर रखें इन बातों का ध्यान

एक गलती से 50 एकड़ फसल बर्बाद, किसान भाई जरूर रखें इन बातों का ध्यान


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Agriculture News: मौसम साफ होते ही किसान भाई सोयाबीन और मक्का में एक बार फिर खरपतवार को खत्म करने के लिए कीटनाशक का उपयोग करेंगे. ऐसे में काश्तकार कुछ चीजों का ध्यान रखें ताकि वे अपना नुकसान होने से बचा सकें.

सागर. मध्य प्रदेश के सागर में कीटनाशक दवा का छिड़काव करने के बाद कई किसानों की सोयाबीन फसल खराब हो गई. उनकी लागत और मेहनत बर्बाद हो गई. सागर जिले की नोनिया और पिपरिया चमारी गांव में ही अकेले 50 एकड़ में लगा सोयाबीन बर्बाद हो गया. खरपतवार नाशक डालने के बाद बर्बाद हुए सोयाबीन की शिकायत किसानों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर की है. वहीं दुकानदार ने अपनी तरफ से हाथ खड़े कर दिए हैं. किसानों का कहना है कि फसल से ही उनका घर-परिवार चलता है लेकिन यह फसल तो उत्पादन देने से पहले ही नुकसान कर गई. लोगों ने महंगा बीज और उर्वरक डाले थे, साथ ही जुताई-बुआई में भी खूब खर्च हुआ था. इससे कर्ज हो गया है. उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

मौसम साफ होते ही किसान मक्का और सोयाबीन में एक बार फिर खरपतवार को खत्म करने के लिए कीटनाशक का उपयोग करेंगे. ऐसे में किसान भाई कुछ चीजों का ध्यान रखें ताकि वे अपना नुकसान होने से बचा सकें. एक्सपर्ट बताते हैं कि कीटनाशक हमेशा रजिस्टर्ड दुकान से ही खरीदें. जो कीटनाशक खरीद रहे हैं, खरीदने से पहले उसके बारे में कृषि अधिकारी, कृषि एक्सपर्ट या कृषि वैज्ञानिक से सलाह ले लें. अपनी फसल के हिसाब से कीटनाशक खरीदें, साथ ही छिड़काव करने के लिए सही मात्रा का उपयोग करें. फसलों में दिन के समय मित्र कीट सक्रिय होते हैं, जो हमारी फसलों के लिए मददगार होते हैं. ऐसे में अगर हो सके तो शाम के समय ही खरपतवार नाशक का छिड़काव करें.

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पक्का बिल या वाउचर जरूर लें
सागर कृषि विभाग के उप-संचालक राजेश त्रिपाठी लोकल 18 को बताते हैं कि किसान भाई इस चीज का ध्यान रखें कि जहां से कीटनाशक खरीद रहे हैं, वहां से पक्का बिल या वाउचर जरूर लें. इसके साथ ही किसान भाई कृषि अधिकारी या कृषि वैज्ञानिक से संपर्क कर फसल के बारे में बताएं, फिर उसमें कौन से रसायन का उपयोग करना है, कितनी मात्रा डालनी है, कब डालनी है, ये सब उनसे सलाह लें. इसके बाद ही फसलों में छिड़काव करें क्योंकि फसलों में स्प्रे करने के लिए निर्धारित मापदंडों में दवा और पानी का मिश्रण करना पड़ता है. अगर खरपतवार नाशक की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो यह हमारी फसलों को डैमेज कर देता है. कई बार किसान टोटल कलर का उपयोग कर लेते हैं, जिसकी वजह से खरपतवार के साथ-साथ फसल भी मर जाती है. उनका उपयोग न करें.

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