मंदसौर के पिपलिया मंडी में शनिवार को करंट लगने से गंभीर रूप से घायल हुए एक बंदर की रविवार को उपचार के अभाव में मौत हो गई। यह घटना नगरवासियों को झकझोर गई और वन विभाग की लापरवाही को लेकर लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
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जानकारी के अनुसार, करंट लगने के बाद स्थानीय नागरिकों ने वन विभाग को सूचना दी थी। विभाग की टीम मौके पर पहुंची जरूर, लेकिन घायल बंदर को पकड़कर इलाज के लिए ले जाने में विफल रही। घायल बंदर दर्द से तड़पता रहा और आखिरकार रविवार दोपहर उसने दम तोड़ दिया।

हिंदू रीति-रिवाज से किया अंतिम संस्कार बंदर की मौत के बाद रविवार शाम को नगरवासियों ने भावुक होकर बंदर का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों से किया। फूलों से सजाकर उसकी अंतिम यात्रा निकाली गई और श्मशान घाट पर विधिवत संस्कार किया गया। इस दौरान माहौल बेहद भावुक हो गया और कई लोगों की आंखें नम हो गईं।
विभागीय लापरवाही पर नाराजगी घटना के बाद नगरवासियों में वन विभाग की निष्क्रियता को लेकर आक्रोश है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग यदि समय पर उचित इलाज की व्यवस्था करता, तो बंदर की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने विभाग से मांग की है कि वन्यजीवों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। विभागीय अमले को प्रशिक्षित और सजग बनाया जाए। भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए ठोस रणनीति बनाई जाए।

