विदिशा में नशे से दूरी है जरुरी अभियान अब समाज के उन हिस्सों तक पहुंच रहा है, जहां बदलाव की सबसे ज्यादा जरूरत है। इसी क्रम में सोमवार को जिला जेल विदिशा में एक विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बंदियों को नशे के दुष्परिणामों से अव
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कार्यक्रम में अधिकारियों ने कहा कि नशा न केवल शरीर को खोखला करता है, बल्कि इंसान की सोच, संवेदना और सामाजिक रिश्तों को भी खत्म कर देता है। अधिकतर अपराध जैसे चोरी, लूटपाट, घरेलू हिंसा और संगठित अपराधों की जड़ में नशे की लत होती है।
बंदियों का संकल्प : अब नया जीवन शुरू करेंगे कार्यक्रम के दौरान कई बंदियों ने नशे से सदा के लिए दूर रहने और अपराध से तौबा करने की शपथ ली। उन्होंने कहा कि जेल में बिताया समय आत्ममंथन और आत्मशुद्धि का अवसर बना है और अब वे समाज का जिम्मेदार हिस्सा बनना चाहते हैं।
हर इंसान में है बदलाव की क्षमता : जेल अधीक्षक जेल अधीक्षक ने बताया कि ऐसे जन-जागरूकता कार्यक्रम बंदियों के भीतर सकारात्मक सोच, आत्मबल और आत्मविश्वास पैदा करते हैं। यदि उन्हें सही दिशा दी जाए, तो वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकते हैं।
यह कार्यक्रम पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी के निर्देशन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रशांत चौबे, थाना प्रभारी विमलेश राय और यातायात प्रभारी आशीष राय भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।