टीकमगढ़ जिले में रविवार को सावन तीज पर्व पारंपरिक तरीके से मनाया गया। शिव धाम कुंडेश्वर सहित सभी प्रमुख मंदिरों में झूला डालकर भगवान को विराजमान किया गया। लड्डू गोपाल के झूला दर्शन करने बड़ी संख्या में लोग मंदिरों में पहुंचे।
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सावन की हरियाली तीज पर महिलाओं ने मंदिरों में सावन के भजन गाए। इसके बाद भगवान को झूला झुलाया। भक्तों ने भगवान को झूला झुलाकर सुख समृद्धि की मनोकामना की। प्राचीन नजरबाग मंदिर में शाम 7 बजे भगवान को झूला में विराजमान कर आरती उतारी गई। नजरबाग मंदिर के पुजारी सुरेंद्र मोहन द्विवेदी ने बताया कि 1 सप्ताह तक मंदिरों में भगवान के झूला दर्शन होंगे।
इस दौरान हर दिन मंदिर में भजन कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। यह परंपरा वर्षों से निरंतर चली आ रही है। सावन तृतीया के दिन भगवान को चौक में झूले पर विराजमान किया जाता है। नगर के सभी श्रद्धालु आकर भगवान को भक्ति भाव से झूला झुलाते हैं।

भगवान की पूजा अर्चना रामराजा सरकार मंदिर ओरछा की परंपरा के अनुसार विधि विधान से की जाती है। शिव धाम कुंडेश्वर सहित शहर के प्राचीन नजरबाग मंदिर, जानकी बाग मंदिर, प्रश्न राघव मंदिर, विजय राघव मंदिर, झिर की बगिया मंदिर सहित सभी प्रमुख मंदिरों में झूले डालकर भगवान को विराजमान किया गया। इसके अलावा घरों में भी लोगों ने भगवान को झूला में विराजमान कर पूजा अर्चना की।