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Gardening Tips. अगर आपका भी गुलाब का पौधा बारिश के बाद सूखने या पीला पड़ने लगा है, तो अब घबराने की जरूरत नहीं. इस लेख में हम आपको बताएंगे एक असरदार देसी खाद के बारे में, जिसे आप घर पर ही बना सकते हैं और अपने बगीचे को दोबारा गुलजार कर सकते हैं.
गुलाब को फूलों का राजा यूं ही नहीं कहा जाता. इसकी खुशबू और खूबसूरती किसी भी बगीचे की शोभा बढ़ा देती है, लेकिन कई बार मॉनसून के मौसम में ज्यादा नमी या मिट्टी की गड़बड़ी की वजह से गुलाब के पौधे मुरझाने लगते हैं.

बारिश के मौसम में मिट्टी में अत्यधिक नमी आ जाती है, जिससे पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं. साथ ही इस समय फंगल इंफेक्शन और पोषक तत्वों की कमी भी हो जाती है. गुलाब जैसे पौधों को संतुलित पोषण और अच्छी जल निकासी की ज़रूरत होती है. अगर ये दोनों चीजें ठीक नहीं मिलतीं, तो पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और फूल आना बंद हो जाता है.

इस घरेलू खाद को बनाने के लिए आपको चाहिए, एक केला (पका हुआ), दो चम्मच लकड़ी की राख (या ऐश), एक मुट्ठी छाछ (या दही) , थोड़़ा सा गुड़ (चूर्ण किया हुआ) पानी (1 लीटर)

इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर एक घोल तैयार करें. इसे 24 घंटे तक किसी ढंके हुए बर्तन में रख दें. फिर इस घोल को गुलाब के पौधों की जड़ों में सप्ताह में एक बार डालें. यह खाद पौधे को जरूरी पोटैशियम, कैल्शियम और नाइट्रोजन देती है, जो फूल आने में बेहद मददगार होती है.

मॉनसून के दौरान गुलाब में खाद डालते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि मिट्टी ज्यादा गीली नहीं होनी चाहिए. साथ ही खाद हमेशा सुबह या शाम के समय डालें, जब तापमान कम हो जाए.

कोशिश करें कि खाद सीधे पौधे की जड़ों के पास डाली जाए और यह खाद पत्तियों पर न गिरे. साथ ही, गमले या क्यारी की निकासी व्यवस्था (drainage) अच्छी होनी चाहिए, ताकि जड़ों में पानी जमा न हो.

गुलाब की कटाई (Pruning) बारिश से पहले कर लें, ताकि नया विकास सही समय पर हो. साथ ही अगर आप नीम का तेल या हल्दी का घोल छिड़कते हैं तो फंगस और कीड़ों से बचाव होता है.

बता दें, गुलाब को धूप भी चाहिए होती है. इसलिए गमले को ऐसी जगह रखना चाहिए जहाँ उसे रोज़ 4-5 घंटे की धूप मिल सके. गुलाब के लिए एक जरूरी काम ये भी है कि पुराने फूल और सूखी पत्तियां समय-समय पर हटाते रहें.