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हरदा लाठीचार्ज मामले में सरकार ने कार्रवाई करते हुए एएसपी, एसडीएम, एसडीओपी और दो टीआई को हटाया, लेकिन इस कार्रवाई के बीच जिला राजपूत समाज परिषद ने पूर्व मंत्री कमल पटेल और पूर्व विधायक संजय शाह सहित कई भाजपा ने…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- हरदा लाठीचार्ज केस में 5 अफसरों को हटाया.
- भाजपा नेताओं ने सीएम मोहन यादव को दी जानकारी.
- राजपूत समाज ने भाजपा नेताओं को फटकार लगाई.
हरदा. जिले में 13 जुलाई को राजपूत छात्रावास में हुए लाठीचार्ज के मामले में बड़ी कारवाई हुई है, जिले से तीन पुलिस अधिकारी और 2 टीआई समेत एसडीएम पर एक्शन हुआ है. पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री मोहन यादव के भोपाल बुलाने के बाद शासन ने कार्रवाई कर जिले के एएसपी आरडी प्रजापति और एसडीओपी अर्चना शर्मा को हरदा जिले से हटाकर भोपाल भेजा है. साथ में एसडीएम कुमार शानू देवडीया को हरदा से हटाया है. वहीं मामले में सिटी कोतवाली थाना टीआई प्रहलाद सिंह मर्सकोले और ट्रैफिक टीआई संदीप सुनेस को नर्मदापुरम आईजी कार्यालय में अटैच किया गया है. अनुचित बल प्रयोग, संवेदनशील स्थिति सम्भालने में लापरवाही पर यह कार्रवाई हुई है. पूरे मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विदेश यात्रा से लौटने के बाद 16 जुलाई को मामले में जांच के आदेश दिए थे.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने X पर ट्वीट कर य़ह जानकारी दी है. उन्होंने अपने X पर लिखा है कि हरदा जिले में 13 जुलाई को राजपूत छात्रावास में घटित प्रकरण की जांच के उपरांत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसडीएम एवं एसडीओपी को तत्काल प्रभाव से हरदा जिले से हटाया गया है. थाना प्रभारी, कोतवाली एवं थाना प्रभारी (ट्रैफिक) को नर्मदापुरम् आईजी कार्यालय में अटैच किया गया है. समाज के छात्रावास में अनुचित बल प्रयोग एवं स्थिति को संवेदनशील रूप से निराकरण करने में की गई लापरवाही को लेकर यह एक्शन लिया गया है.
12 जुलाई को छोटे से मामले से बढ़ गया था तनाव, फिर हुआ बर्बर लाठीचार्ज
12 जुलाई को हरदा के करणी सेना परिवार संगठन के जिला अध्यक्ष सुनील राजपूत और उनके साथी सिटी कोतवाली थाने पहुंचे थे और 420 के मामले के आरोपी को अपने हवाले करने की मांग कर रहे थे. इस दौरान पुलिस से झूमाझटकी के बाद लाठीचार्ज हुआ, करणी सेना परिवार संगठन के जिलाध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया. बाद में विरोध में महाराणा सेना और करणी सेना परिवार संगठन के लोग धरने पर बैठ गए और चक्काजाम कर दिया. दूसरे दिन 13 जुलाई को पुलिस की समझाइश पर लोग नहीं माने, इस दौरान करणी सेना परिवार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर भी हरदा पहुंचे, लाठीचार्ज में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर जीवन सिंह सहित 60 लोगों को गिरफ्तार किया.
बाद में राजपूत छात्रावास में लाठीचार्ज हुआ. पुलिस ने यहां घुसकर जमकर पिटाई की. इस घटना के वीडियो वायरल हुए और घटना के बाद राजपूत समाज लामबंद हो गया. दूसरे दिन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हरदा आए और मामले में न्यायिक जांच की मांग कर दी. 17 जुलाई को प्रशासन ने धारा 163 में बंद करणी सेना परिवार के जिला अध्यक्ष और उनके तीन साथियों को जमानत पर रिहा कर दिया और 19 जुलाई को लाठीचार्ज के विरोध में हरदा जिला बंद रहा. मामले में जांच और कार्रवाई की मांग को लेकर 24 जुलाई को हरदा बीजेपी नेता मुख्यमंत्री मोहन यादव से भोपाल में मिले.
कार्रवाई के बीच ही चंद भाजपा नेताओं की मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात पर नया विवाद खड़ा हो गया है. जिला राजपूत समाज परिषद ने एक प्रेस वार्ता कर भाजपा के राजपूत नेताओं- पूर्व मंत्री कमल पटेल, पूर्व विधायक संजय शाह व अन्य-की मुलाकात को लेकर नाराजगी जाहिर की. परिषद ने इस भेंट को “राजपूत समाज का अपमान” बताया और कहा कि न तो उन्हें कोई जानकारी दी गई, न ही इस मुलाकात में कोई अधिकृत प्रतिनिधि शामिल था. परिषद ने इस मुलाकात को “राजनीतिक स्वार्थ” की साज़िश करार देते हुए कहा कि इससे समाज की भावना को ठेस पहुंची है. उनका कहना है कि यह मुलाकात सिर्फ व्यक्तिगत लाभ और सियासी छवि बचाने के लिए की गई थी, न कि समाज के हितों की रक्षा के लिए.
भाजपा नेता दे रहे हैं सफाई, हमारा मकसद राजनीति नहीं था
दूसरी ओर, भाजपा नेताओं ने परिषद के आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने सफाई दी कि वे खुद राजपूत समाज का हिस्सा हैं और समाज के लोगों की बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाना उनका दायित्व है. कमल पटेल ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से लाठीचार्ज की घटना और पुलिस की ज्यादती पर चर्चा करने गए थे, न कि किसी राजनीतिक मकसद से. इस विवाद ने एक ओर प्रशासन पर सख्त कार्रवाई और जवाबदेही की उम्मीद जगाई है, तो वहीं दूसरी ओर राजपूत समाज में नेतृत्व और प्रतिनिधित्व को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब देखना यह होगा कि समाज और सरकार के बीच उपजा यह असंतोष किस मोड़ पर जाकर सुलझता है.
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें