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- FIDE Women’s World Cup 2025: Historic All Indian Final Between Humpy And Divya | Game 1 Drawn
5 मिनट पहले
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FIDE महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल का पहला गेम जॉर्जिया के बटुमी में कोनेरू हम्पी और दिव्या देशमुख के बीच ड्रॉ रहा। यह पहली बार है जब इस टूर्नामेंट के फाइनल में दो भारतीय खिलाड़ी आमने-सामने हैं। दिव्या ने 25 चालों के भीतर जीत की स्थिति बनाने की कोशिश की, लेकिन हम्पी ने दिव्या की छोटी-छोटी गलतियों का फायदा उठाकर गेम ड्रॉ करवाया।
दूसरा गेम रविवार को खेला जाएगा, जिसमें हम्पी सफेद मोहरों से खेलेंगी। यदि यह मुकाबला भी बराबरी पर रहा, तो विजेता का फैसला टाईब्रेकर में कम समय की बाजियों के जरिए होगा।
वर्ल्ड रैपिड चैंपियन हम्पी का इस ड्रॉ के बावजूद पलड़ा भारी माना जा रहा है, क्योंकि वह पहले गेम में काले मोहरों से खेली थीं। दो गेम के इस क्लासिकल शतरंज फॉर्मेट में अगले और अंतिम गेम में हम्पी को सफेद मोहरों का फायदा मिलेगा।

हम्पी ने सेमीफाइनल में टिंगजी लेई को हराया हम्पी ने सेमीफाइनल में टाईब्रेकर में चीन की टिंगजी लेई को हराकर फाइनल में जगह बनाई। टाईब्रेकर में पहली दो बाजियां 15-15 मिनट की थीं, जिसमें अतिरिक्त समय शामिल था। इसके बाद अगली दो बाजियां 10-10 मिनट की थीं। लेई ने पहली बाजी जीतकर बढ़त हासिल की, लेकिन हम्पी ने दूसरी बाजी में मुश्किल स्थिति से उबरते हुए जीत हासिल कर मुकाबला बराबर किया। टाईब्रेकर के तीसरे सेट में हम्पी ने सफेद मोहरों से पहली बाजी में शानदार प्रदर्शन करते हुए लेई को हराया।
फाइनल में पहुंचने के लिए उन्हें केवल एक ड्रॉ की जरूरत थी, लेकिन उन्होंने दूसरी बाजी भी जीतकर खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया। इससे पहले दोनों क्लासिकल गेम ड्रॉ रहे थे, जिसके बाद गुरुवार को टाईब्रेकर का आयोजन हुआ। दूसरे गेम में हम्पी के पास सफेद मोहरे थे, लेकिन वह लेई के मजबूत बचाव को भेद नहीं पाईं।

टाई ब्रेकर के दौरान चीनी खिलाड़ी टिंगजी लेई और भारतीय चेस खिलाड़ी होनेरू हम्पी।
दिव्या ने पूर्व वर्ल्ड चैंपियन को हराया

दिव्या ने सेमीफाइनल में पूर्व विश्व चैंपियन तान झोंग्यी को 1.5-0.5 से हराया। 19 वर्षीय दिव्या ने पहले गेम में सफेद मोहरों से खेलते हुए 101 चालों में शानदार जीत हासिल की। उन्होंने मध्य गेम में लगातार दबाव बनाकर झोंग्यी को गलतियां करने पर मजबूर किया।
क्वीन की अदला-बदली के बाद भी दिव्या की स्थिति मजबूत थी, हालांकि झोंग्यी ने एक समय वापसी की कोशिश की और बढ़त ले ली। लेकिन समय की कमी में झोंग्यी ने गलत चाल चली, जिसका फायदा उठाकर दिव्या दो प्यादों की बढ़त के साथ जीत हासिल करने में सफल रहीं।
पहले गेम में काले मोहरों से खेलते हुए दिव्या ने संतुलित रणनीति अपनाई और गेम ड्रॉ कराया। झोंग्यी ने ‘क्वीन्स गैम्बिट डिक्लाइन्ड’ ओपनिंग से शुरुआत की, जिसमें दिव्या ने मोहरों की अदला-बदली के साथ संतुलन बनाए रखा। अंत में दोनों के पास एक-एक रूक, एक-एक छोटा मोहरा (बिशप/नाइट), और तीन-तीन प्यादे एक ही हिस्से में थे, जिसके कारण गेम ड्रॉ रहा।
भारत की चार महिला खिलाड़ियों ने बनाई क्वार्टर फाइनल में जगह इस टूर्नामेंट में पहली बार भारत की चार महिला खिलाड़ियों कोनेरू हम्पी, हरिका द्रोणवल्ली, आर. वैशाली, और दिव्या देशमुख ने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई, जो भारतीय शतरंज के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।