एक ही नंबर पर दो-दो ऑटो, सिस्टम की बड़ी चूक
जब पुलिस ने इन जब्त ऑटो के दस्तावेजों की जांच शुरू की तो सभी गाड़ियां भोपाल RTO से पंजीकृत पाई गईं. लेकिन जब वही नंबर भोपाल में भी चलती गाड़ियों पर दिखाई दिए, तो यह साफ हो गया कि एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर पर दो वाहन दो अलग-अलग शहरों में चल रहे हैं.
इंजन और चेसिस नंबर भी मिटाए गए
जब पुलिस ने इन ऑटो के इंजन और चेसिस नंबर की जांच की, तो पाया गया कि उन्हें किसी विशेष मशीन से मिटाया गया है. ऐसी मशीनें आम तौर पर बर्तन या धातु पर नक़्काशी के लिए इस्तेमाल होती हैं, लेकिन यहां उनका इस्तेमाल पहचान छुपाने में हुआ. यह साफ दर्शाता है कि पूरे मामले को पूरी तैयारी और प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया.
खंडवा पुलिस ने तुरंत एक टीम भोपाल रवाना की, जहां उन रजिस्ट्रेशन नंबरों से चल रहे ऑटो मालिकों को थाने बुलाकर पूछताछ की गई. दो शहरों में एक ही नंबर की गाड़ियां मिलने से साफ है कि यह कोई इत्तेफाक नहीं, बल्कि व्यवस्थित फर्जीवाड़ा है, जिसमें चोरी या अवैध मॉडिफिकेशन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
थाना प्रभारी ने की पुष्टि, RTO की कार्यप्रणाली पर सवाल
कोतवाली थाना प्रभारी अशोक सिंह चौहान ने इस पूरे मामले की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि सभी जब्त ऑटो पर फर्जी नंबर प्लेट्स थीं और जिन नंबरों का उपयोग किया गया, वे भोपाल में पहले से रजिस्टर्ड हैं.
आम जनता के लिए चेतावनी
पुलिस ने नागरिकों को चेताया है कि कोई भी सेकंड हैंड वाहन खरीदते समय सिर्फ नंबर प्लेट ही नहीं, बल्कि इंजन और चेसिस नंबर की भी पूरी जांच जरूर करें. वरना आप अनजाने में किसी फर्जीवाड़े या आपराधिक मामले में फंस सकते हैं.
फिलहाल मामला खंडवा और भोपाल तक सीमित दिख रहा है, लेकिन पुलिस को शक है कि यह राज्यव्यापी या अंतरराज्यीय नेटवर्क भी हो सकता है. जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे संभव हैं.