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MP Medical Shop News: मध्य प्रदेश के दवा दुकानदारों और फार्मासिस्टों को फार्मेसी काउंसिल ने सख्त निर्देश जारी किए हैं. उन्हें दवा पर डिस्काउंट देने वाले बोर्ड हटाने होंगे, जानें पूरा माजरा..
हाइलाइट्स
- मप्र फार्मेसी काउंसिल ने डिस्काउंट बोर्ड हटाने का आदेश दिया
- दवा पर डिस्काउंट का प्रचार अवैध और अनैतिक व्यापार है
- 15 दिन में सभी मेडिकल स्टोर डिस्काउंट बोर्ड हटाएं
फार्मेसी काउंसिल का कहना है कि डिस्काउंट का लालच देकर दवा बेचना एक प्रकार का अनैतिक व्यापार है, जिससे मरीजों की सेहत से खिलवाड़ होता है. काउंसिल ने चेतावनी दी कि यदि किसी मेडिकल स्टोर पर ऐसे बोर्ड या प्रचार सामग्री लगी मिली, तो संबंधित फार्मासिस्ट का पंजीकरण रद्द करने तक की कार्रवाई की जा सकती है.
यह निर्णय मरीजों के हितों की रक्षा और दवा व्यवसाय को पूरी तरह पेशेवर और नैतिक मानकों के अनुरूप रखने के उद्देश्य से लिया गया है. फार्मेसी काउंसिल द्वारा जारी नोटिस के बाद मप्र केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने भी राज्यभर के सभी मेडिकल स्टोर संचालकों से अपील की कि वे 15 दिन के भीतर दुकानों से दवाओं पर छूट दर्शाने वाले सभी बोर्ड, होर्डिंग या पोस्टर हटा लें.
कानूनन प्रतिबंधित नहीं, पर…
फार्मेसी काउंसिल का तर्क है कि छूट का प्रचार मरीजों को भ्रमित करता है और कई बार वे डॉक्टर की सलाह के बजाय सस्ती दवा पाने के चक्कर में गलत दवाएं भी खरीद लेते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. हालांकि दवाओं पर छूट देना कानूनन प्रतिबंधित नहीं है, लेकिन इसका खुला प्रचार और छूट का लालच देकर बिक्री करना फार्मेसी के नैतिक मानदंडों के विरुद्ध माना गया है. इस सख़्त कदम से प्रदेश में दवा व्यापार को अधिक ज़िम्मेदार और पारदर्शी बनाए जाने की उम्मीद की जा रही है.