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Smart Meter Public Opinion: एमपी के बुरहानपुर में स्मार्ट बिजली मीटरों से जनता परेशान है. एक ट्यूबलाइट और पंखा चलाने वालों के भी हजार रुपए तक बिल आ रहे हैं. जानिए कैसे ये टेक्नोलॉजी आम आदमी की कमर तोड़ रही है. …और पढ़ें
एक ट्यूबलाइट, एक पंखा… और ₹1000 का बिल!
बुरहानपुर के कई मोहल्लों में लोग परेशान हैं. पहले जिन घरों में ₹100 के आसपास का बिजली बिल आता था, वहीं अब ₹1000 या उससे ज्यादा आ रहा है जबकि बिजली का उपयोग जस का तस है.
लालबाग की नूरजहां बी बताती हैं कि “हमारे घर में सिर्फ एक ट्यूबलाइट, एक पंखा और एक बल्ब चलता है. पहले ₹100 का बिल आता था, अब ₹1000 से ऊपर आ रहा है. हम मजदूरी करते हैं, इतना पैसा कहां से लाएं?”
मुज्जू मीर, जो राजपुरा इलाके से हैं, बताते हैं कि यह समस्या शहर के 48 वार्डों और ग्रामीण इलाकों तक फैली हुई है. लोग खुलकर कह रहे हैं कि पुराने मीटर दोबारा लगाए जाएं, वरना विरोध और तेज होगा. गांवों में भी लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.
गरीब परिवारों की कमर टूट गई
बुरहानपुर ऐसा इलाका है जहां पावरलूम मजदूरों की बड़ी आबादी है. ज़्यादातर लोग दिहाड़ी मज़दूर हैं, जिनकी आमदनी सीमित है. ऐसे में अगर बिजली का बिल ही 10 गुना बढ़ जाए, तो उनके लिए घर चलाना मुश्किल हो जाता है.
लोगों की तरफ से अब विद्युत विभाग से यह मांग उठ रही है कि स्मार्ट मीटर हटाए जाएं, और पुराने मीटर दोबारा लगाए जाएं. जिले के 20,000 से ज्यादा परिवार इस संकट से जूझ रहे हैं. प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है, लेकिन अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए तो यह छोटा सा विरोध बड़ा जनआंदोलन बन सकता है.