अभी तक संतान सुख से वंचित? नागदेवता के इस मंदिर आ जाएं, भर जाएगी सूनी गोद!

अभी तक संतान सुख से वंचित? नागदेवता के इस मंदिर आ जाएं, भर जाएगी सूनी गोद!


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Nag Panchami 2025: नागतीर्थ शिखर धाम मंदिर के मुख्य पुजारी राजेंद्र बाबा ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि भगवान शिव की कृपा से भिलट देव का जन्म विक्रम संवत 1220 को हरदा जिले में हुआ था. उनके माता-पिता ने भोलेनाथ…और पढ़ें

खरगोन. मध्य प्रदेश के खरगोन-बड़वानी बॉर्डर पर सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला की चोटी पर नागतीर्थ शिखर धाम स्थित है. यह स्थान भिलट देव की कर्मभूमि नागलवाड़ी के नाम से भी जाना जाता है. करीब 850 साल पुराने इस धार्मिक स्थल को लेकर लोगों की गहरी आस्था है. यहां नागपंचमी पर 8 से 10 लाख श्रद्धालु दर्शन और पूजन के लिए आते हैं. मान्यता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से संतान की मन्नत मांगता है, उसकी मुराद जरूर पूरी होती है. नागपंचमी पर यहां विशाल मेला लगता है और पूरे सावन माह में भक्तों का तांता लगा रहता है.

इस साल नागपंचमी 29 जुलाई को है. शिखर धाम मंदिर में नाग देवता के अवतार माने जाने वाले भिलट देव की पूजा होती है. यह मंदिर खरगोन और बड़वानी जिले की सीमा पर समुद्र तल से करीब 2200 मीटर ऊंचाई पर स्थित है. मंदिर के मुख्य पुजारी राजेंद्र बाबा लोकल 18 को बताते हैं कि भोलेनाथ की कृपा से भिलट देव का जन्म विक्रम संवत 1220 को हरदा जिले में हुआ था. उनके माता-पिता ने भगवान शिव की घोर तपस्या कर संतान प्राप्ति की कामना की थी.

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टोकरी में छोड़ गए सांप
उन्होंने बताया कि भोलेनाथ ने उन्हें संतान का वरदान दिया. कुछ सालों बाद जब भगवान शिव ने अपने वचन के अनुसार बालक को अपने लोक में बुला लिया और टोकरी में सांप को छोड़ गए. यह घटना नागपंचमी के दिन हुई थी. तभी से भिलट देव को पूजा जाने लगा. आज भी मंदिर में भिलट देव के साथ नाग देवता की पूजा होती है. खास बात यह है कि यहां जो भी सच्चे मन से संतान की मन्नत मांगता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है, इसलिए यह मंदिर वरदानी धाम के रूप में भी प्रसिद्ध है.

नागपंचमी पर लगता है विशाल मेला
वैसे तो सालभर इस मंदिर में पूजा-अर्चना होती रहती है लेकिन नागपंचमी के दिन यहां का दृश्य अलौकिक होता है. इस दिन देशभर से लगभग 8 से 10 लाख श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंचते हैं. लोग यहां संतान सुख, मनोकामना पूर्ति और सुख-समृद्धि की कामना लेकर आते हैं. बाबा भिलट देव की मान्यता इतनी है कि कई महिलाएं यहां मन्नत पूरी होने पर सूनी गोद भरने का उदाहरण खुद सुनाती हैं. यही कारण है कि यह धाम निमाड़ अंचल के सबसे चमत्कारी मंदिरों में गिना जाता है.

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अभी तक संतान सुख से वंचित? नागदेवता के इस मंदिर आ जाएं, भर जाएगी सूनी गोद!

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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