IND vs ENG: वॉशिंगटन सुंदर ने रविवार को मैनचेस्टर में रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर चौथे टेस्ट मैच को ड्रॉ करा दिया. बता दें कि मैनचेस्टर टेस्ट में भारत ने अपनी दूसरी पारी में 4 विकेट पर 425 रन बनाए और मैच ड्रॉ करवा लिया. रवींद्र जडेजा 107 और वॉशिंगटन सुंदर 101 रन पर नाबाद लौटे थे. शुभमन गिल ने 103 रन और केएल राहुल ने 90 रन बनाए थे.
वॉशिंगटन सुंदर ने ठोका शतक
वॉशिंगटन सुंदर ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक ठोका है, वह भी इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ मैनचेस्टर के मैदान पर. वॉशिंगटन सुंदर ने 206 गेंदों का सामना करते हुए 101 रन की नाबाद पारी खेली. वॉशिंगटन सुंदर ने इस दौरान एक छक्का और 9 चौके जमाए. वॉशिंगटन सुंदर ने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर 203 रन की अविजित साझेदारी निभाई. वॉशिंगटन सुंदर मैनचेस्टर में टेस्ट मैच ड्रॉ कराकर रातोंरात स्टार बन गए हैं.
सिर्फ एक कान से ही सुन पाते हैं सुंदर
बहुत लोगों को नहीं पता कि वॉशिंगटन सुंदर सिर्फ एक कान से ही सुन पाते हैं. जब वे चार साल के थे , तो उनकी बीमारी का पता चला. वॉशिंगटन सुंदर ने तब अपने माता-पिता को अपनी इस कमजोरी के बारे में बताया था. कई अस्पतालों में इलाज के बाद पता चला कि ये रोग असाध्य है. सुंदर को भी इसके चलते परेशानी का सामना करना पड़ता था. लेकिन उन्होंने इस कमजोरी को हावी नहीं होने दिया. वॉशिंगटन सुंदर का जन्म 5 अक्टूबर 1999 को चेन्नई में हुआ था. वॉशिंगटन सुंदर ने 11 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू किया था.
शतक के बाद क्या बोले वॉशिंगटन सुंदर
भारतीय ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर ने मैनचेस्टर में पहला टेस्ट शतक लगाने के बाद अपनी भावनाएं साझा कीं. भारतीय खिलाड़ी का कहना है कि यूं तो हर शतक मायने रखता है, लेकिन यह शतक बेहद खास है. सुंदर ने कोच गौतम गंभीर के उस संदेश का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने मैच ड्रॉ कराने के लिए पूरे दिन संघर्ष करने की बात कही थी.
कोच का संदेश
मैच के बाद वॉशिंगटन सुंदर ने ‘जियो हॉटस्टार’ पर कहा, ‘यह बहुत खास है. सच कहूं तो, इस एहसास को शब्दों में बयां करना मुश्किल है, क्योंकि टेस्ट शतक वाकई अनोखा होता है. हर शतक मायने रखता है, लेकिन यह शतक बेहद खास है. मुझे पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका मिला. मेरा फोकस पूरे दिन संघर्ष करने पर था. कोच का भी यही संदेश था. मुझे खुशी है कि हम यह मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रहे.’