नीमच में रविवार रात 8 बजे से जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। लगातार 16 घंटों से हो रही कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश के कारण जिले भर में नदी-नाले उफान पर हैं। इससे कई इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है।
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सबसे ज्यादा असर नीमच-कोटा स्टेट हाईवे पर पड़ा है। सिंगोली के पास ब्राह्मणी और ताल नदी के उफान पर होने से हाईवे पूरी तरह बंद हो गया है। यातायात बाधित होने से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जिले के कई गांवों में स्थिति विकट है। घरों में पानी घुस गया है और जलभराव के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है। लगातार बारिश से किसानों की चिंताएँ भी बढ़ गई हैं। खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान होने की आशंका है।
हालांकि, इस बारिश से सूखे पड़े जलाशयों और झरनों को नई जिंदगी मिली है। जावद का सुखानंद झरना और मनासा के रामपुरा स्थित केदारेश्वर झरना सहित अन्य प्राकृतिक झरने अब पूरे वेग से बह रहे हैं। ये पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं।

जिला प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। राहत और बचाव कार्य के लिए टीमें अलर्ट पर हैं। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल सहायता प्रदान की जाएगी।