ट्रैक्टर से फसल नष्ट करता किसान।
बड़वानी में सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। जिले के ग्राम करी में सोमवार को यहां बैंगन की खेती में उचित दाम नहीं मिलने से नाराज एक किसान ने 3 बीघा फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया। कुछ किसानों ने बैंगन सड़कों पर
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बड़वानी तहसील क्षेत्र के करी गांव के युवा किसान भरत मुकाती ने बताया कि इस बार उसने 3 बीघा खेत में बैंगन की खेती की थी। इसके लिए वह मजदूरों और अपने परिजनों के साथ मिलकर दिन-रात मेहनत करता रहा।
भरत को उम्मीद थी कि इस बार बैंगन की खेती हमेशा से बेहतर होगी। लेकिन उसे बाजार में बैंगन के उचित दाम नहीं मिले। इस वजह से वह निराश हो गया। अब वह दूसरी फसल को तैयार करने के लिए बैंगन की फसल पर ट्रैक्टर चला कर नष्ट कर दी है।
बैंगन फसल पर ट्रैक्टर चलाता किसान।
60 रुपए बोरी मिला भाव
फसल पर ट्रैक्टर चलाने के बाद भरत ने बताया कि उसने एक बीघे की बैंगन की खेती में 40 से 50 हजार रुपए खर्च किए थे। इस तरह से उसने लगभग 3 बीघे की खेती की थी।
इस बार बैंगन के लिए अनुकूल मौसम नहीं मिलने के कारण पेड़ में फल नहीं आए थे। जब मौसम अनुकूल हुआ तो बैंगन के पेड़ में फल आए। लेकिन फल आने के बाद सब्जी दुकानदार और व्यापारी उसके बैंगन को खरीदने को तैयार नहीं थे। उसकी एक बोरी में 50 से 60 किलो बैंगन था। मंडी में बैंगन एक से दो रुपए किलो के हिसाब से बिक रहा था। इस वजह से उसे अपनी लागत भी नहीं मिल रही थी।
ऐसे में मजबूरन उसे अपनी बैंगन की फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ा है। अब वह समय से अगली फसल की तैयारी कर रहा है।

गौशाला में मवेशियों को खिलाई उपज।
लाखों रुपए का नुकसान
किसानों ने बैंगन की खेती इस उम्मीद और आशा के साथ की थी कि भाव अच्छे मिलेंगे, लेकिन पिछले 20 दिन से थोक बाजार में सही भाव और खरीदार नहीं होने से बैंगन को तोड़कर फेंकने पर मजबूर हैं। इसके चलते किसानों को लाखों का आर्थिक नुकसान हो रहा है। ऐसे में अब किसान इस तरह की खेती से दूरी बनाने की बात करने लगे हैं, क्योंकि कहीं से भी उन्हें आशा की किरण नजर नहीं आ रही है।
फुटकर में 30 से 35 रुपए भाव, किसानों से ले रहे 2 रुपए में
किसान दीपक गहलोत ने बताया कि उसने अपने चार एकड़ खेत में बैंगन लगाया था। उत्पादन भी अच्छा हुआ मगर भाव नहीं मिल रहा है। एक और दो रुपए किलो में व्यापारी बैंगन मांग रहे हैं। जितनी लागत लगी वो पैसा भी नहीं निकल रहा है। उचित दाम नहीं मिलने से बैंगन गौशाला में ले जाकर पशुओं को खिला रहे है और सड़कों पर फेंक रहे हैं।
खेतों में फसल सड़ रही है, लेकिन इसे लेकर ना तो जनप्रतिनिधि और ना प्रशासन ध्यान दे रहा है। बैंगन फुटकर बाजार में 30 से 35 रुपए प्रति किलो बिक रहा है, लेकिन किसानों को थोक बाजार में भाव नहीं मिल रहा है। इस तरह कब तक किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा।

सड़कों पर फेंके बैंगन।
डेढ़ लाख किए थे खर्च
किसान दीपक ने बताया कि चार एकड़ खेत में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा का खर्च लगा है। मगर भाव नहीं होने से नुकसान उठाना पड़ रहा है। दो माह पहले बैंगन 15 से 20 रुपए किलो में थोक में बिक रहा था, लेकिन अब कोई लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में कई क्विंटल बैंगन गौशाला में जानवरों को खिलाया जा रहा है।
पिछले साल जनवरी में बैंगन 20 से 25 रुपए प्रति किलो तक बिक गया था। ऐसे में किसानों को इस साल भी बेहतर भाव मिलने की उम्मीद थी। मगर लागत भी नहीं निकल पाई आय की उम्मीद कैसे करें।