भारत-इंग्लैंड चौथे टेस्ट के आखिरी घंटे की शुरुआत के दौरान उस समय अजीब स्थिति हो गई जब बेन स्टोक्स ने भारतीय बल्लेबाजों को ड्रॉ की पेशकश की. यह सही है कि मैच में हार-जीत की संभावना नहीं दिख रही थी लेकिन उस समय जडेजा 89 और वाशिंगटन 80 रन बनाकर खेल रहे थे. इस कारण जडेजा और सुंदर ने स्टोक्स का ऑफर ठुकरा दिया. स्टोक्स ने बाद में कहा कि उन्होंने यह प्रस्ताव इसलिए दिया था क्योंकि वे अपने थके हुए मुख्य गेंदबाजों के चोटिल होने का जोखिम नहीं उठाना चाहते थे.
रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर स्टोक्स के ऑफर को डबल स्टैंडर्ड करार दिया. उन्होंने कहा, ‘क्या आपने दोहरा मापदंड शब्द सुना है? उन्होंने (जडेजा-सुंदर) पूरे दिन आपके गेंदबाजों को खेला. उनका सामना किया और जब वे शतक के करीब पहुंचते हैं तो आप बाहर चले जाना चाहते हैं? उन्हें (स्टोक्स) ऐसा क्यों करना चाहिए?’ पूर्व ऑफ स्पिनर ने कहा, ‘उन्होंने सुबह से आपके सभी गेंदबाजों का सामना किया और मैच ड्रॉ पर ओर पहुंचा दिया. लेकिन आप चाहते हैं कि वे अपना शतक पूरा नहीं करें?’
अश्विन और दिग्गज सुनील गावस्कर दोनों ने कहा कि वे भी भारत को अनिवार्य 15 ओवर बल्लेबाजी करने देते. अश्विन ने कहा, ‘अगर मैं भारतीय कप्तान होता तो मैं पूरे 15 ओवर खेलता.’ गावस्कर ने ‘सोनी स्पोर्ट्स’ पर यही बात दोहराई, ‘मैं उनसे बल्लेबाजी करते रहने और टीम को पूरे 15 ओवर तक मैदान पर बनाए रखने के लिए कहता.’
ब्रूक को लाना आपका फैसला था, हमारा नहीं…
जब इंग्लैंड के खिलाड़ी जडेजा को घेरे हुए थे तब स्टोक्स ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा था, ‘क्या आप हैरी ब्रूक (कामचलाऊ गेंदबाज) के खिलाफ टेस्ट शतक लगाने वाले हैं?’ अश्विन ने कहा, ‘आप पूछते हैं कि आप हैरी ब्रूक के खिलाफ शतक बनाना चाहते हैं? उन्हें शतक बनाना है, आप स्टीव हार्मिसन को ले आइए, एंड्रयू फ्लिंटॉफ, किसी भी गेंदबाज को ले आइए. उन्होंने (भारतीय बैटर) कोई आपत्ति नहीं जताई, ब्रूक को लाना आपका फैसला था, हमारा नहीं.’
ब्रैड हैडिन ने किया भारत का समर्थन
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज ब्रैड हैडिन ने इंग्लैंड की खराब खेल भावना की आलोचना की. हैडिन ने ‘विलोटॉकपॉडकास्ट’ पर कहा, ‘भारत ने आखिरी दिन जबरदस्त संघर्ष दिखाया. फिर अचानक ऐसी स्थिति आ गई कि इंग्लैंड ने कहा कि वे जीत नहीं सकते तो चलिए खेल रोक देते हैं क्योंकि इंग्लैंड अब खेलना नहीं चाहता.’ उन्होंने कहा, ‘भारत ने जो किया वह मुझे पसंद आया, उन्हें जब तक चाहें तब तक मैदान पर टिके रहने का अधिकार है. उन्हें शतक बनाने का अधिकार था. सिर्फ इसलिए कि मैच इंग्लैंड के पक्ष में नहीं गया और उन्हें मनचाहा नतीजा नहीं मिला, अचानक वे (इंग्लैंड) नाराज हो गए और कुछ भी बोलने लगे.’
कुक ने भी छोड़ा इंग्लैंड का साथ
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक ने भी भारत के फैसले का समर्थन किया और कहा कि यह लय ओवल में होने वाले पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच से पहले मेहमान टीम के लिए फायदेमंद साबित होगी. बीबीसी के ‘टेस्ट मैच स्पेशल’ पर कुक ने कहा, ‘(जडेजा और वाशिंगटन) के लिए यह सही फैसला था कि वे लय बनाए रखें जिससे उन्हें फायदा होगा. जब आप (इंग्लैंड) 140 ओवर तक मैदान पर रहते हैं तो आप निराश हो जाते हैं. इसलिए यह इंग्लैंड के लिए थोड़ी निराशा की बात है लेकिन मैं समझता हूं कि भारत ने ऐसा क्यों किया.’