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Sagar News: मध्य प्रदेश के सागर जिले में पिछले तीन दिन हुई बारिश की वजह से नदी-नाले उफान पर हैं. बीना और लांच नदी उफान पर होने से अभी भी कई रास्ते बंद हैं. मौसम विभाग ने सागर जिले के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.
सागर जिले में लगातार बारिश होने की वजह से खुरई विदिशा का मार्ग पिछले चार दिनों से बंद है. बीना नदी उफान पर होने से मलाघाट के पुल के ऊपर से पानी बह रहा है. शाहगढ़ में लांच नदी उफान पर होने से बक्सवाहा मार्ग बंद चल रहा है.

बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया को लेकर मौसम विभाग ने करीब एक सप्ताह पहले सागर जिले में 27 जुलाई से बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया था लेकिन अब यह नए सिस्टम में परिवर्तित हो रहा है, जिससे अगले एक-दो दिन में कहीं-कहीं पर अति भारी बारिश हो सकती है.

मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को जिले में भारी बारिश होने का अनुमान जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है.

शहर का अधिकतम तापमान 28.1 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. शहर में रविवार रात से सोमवार सुबह 8:30 बजे तक कुल 19 मिमी बारिश दर्ज की गई.

सागर जिले में पिछले 24 घंटों में 33.2 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई. इसमें सागर में 10.7 मिमी, जैसीनगर में 42.3 मिमी, राहतगढ़ में 74.2 मिमी, बीना में 82.4 मिमी, खुरई में 38.5 मिमी, मालथौन में 26 मिमी, शाहगढ़ में 8 मिमी, गढ़ाकोटा में 10.8 मिमी, रहली में 2.3 मिमी, देवरी में 20.1 मिमी और केसली में 83.4 मिमी बारिश दर्ज की गई.

जिले में बारिश के इस सीजन में अब तक 662.5 मिमी औसत बारिश हो चुकी है. 1 जून से अब तक 58 दिन में सागर में 513.2 मिमी, जैसीनगर में 581 मिमी, राहतगढ़ में 867 मिमी, बीना में 603 मिमी, खुरई में 674.2 मिमी, मालथौन में 703.3 मिमी, बंडा में 661.2 मिमी, शाहगढ़ में 648.8 मिमी, गढ़ाकोटा में 625.2 मिमी, रहली में 570.7 मिमी, देवरी में 681.7 मिमी और केसली में 820.2 मिमी पानी गिर चुका है.

हल्की मध्यम बारिश होने पर किसान अपनी फसलों में उर्वरक और कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों का किसानों से कहना है कि वे मौसम को देखकर ही दवा का छिड़काव करें. अगर आप छिड़काव करके आए हो और पानी गिर गया, तो मेहनत और पैसा दोनों बेकार हो जाएगा.

किसान भाई इसके लिए मेघदूत वेदर एप्लीकेशन का भी सहारा ले सकते हैं, जिसमें हर 15 मिनट में सैटेलाइट के माध्यम से गांव-गांव का मौसम अपडेट होता है. इसे देखकर किसान अपनी खेती का कार्य कर सकते हैं.