उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर के समीप स्थित महाराजवाड़ा को मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग ने प्रदेश की सबसे महंगी हेरिटेज होटल का रूप दिया है। 17.90 करोड़ की लागत से निर्मित सम्राट विक्रमादित्य हेरिटेज होटल में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
.
होटल में 9 सुइट रूम, 6 डीलक्स रूम और 2 सुपर डीलक्स रूम हैं। कमरों का किराया 10 हजार से शुरू होकर 29,500 रुपए तक है। इतना किराया देने के बावजूद पर्यटक होटल तक आसानी से नहीं पहुंच पा रहे हैं।
होटल तक आने वाले सभी मार्गों पर बेरिकेड्स लगाकर उन्हें बंद कर दिया गया है। पर्यटक अपने वाहनों से शहर पहुंचते हैं, लेकिन मार्ग बंद होने के कारण ई-कार्ट का उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। होटल का स्टाफ वाहन पार्किंग से पर्यटकों का सामान लेकर पैदल ही होटल तक पहुंचता है।
श्रावण में भीड़ बढ़ने के बाद रास्ते बंद किए
होटल शुरू होने के बाद प्रशासन ने हरसिद्धि मंदिर की ओर से वाहन लाने की सुविधा दी थी। लेकिन श्रावण महीने में भीड़ बढ़ने के कारण अब पुलिस और सुरक्षा गार्ड पर्यटकों के वाहन होटल तक नहीं जाने देते हैं।
यही स्थिति यहां के रूफटॉप रेस्टोरेंट की भी है। महाकाल आने वाले श्रद्धालु शुद्ध शाकाहारी रेस्टोरेंट तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। होटल के कमरों की बुकिंग तो हो जाती है, लेकिन रेस्टोरेंट खाली रहते हैं।
ई-कार्ट की व्यवस्था करेंगे
मामले में एडीएम व महाकाल मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक का कहना है कि श्रावण माह में भीड़ बढ़ती जा रही है। सोमवार को सावन की सवारी और मंगलवार को नाग पंचमी का पर्व होने से पार्किंग स्थल पर ई-कार्ट की व्यवस्था कर हेरिटेज होटल में आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की जाएगी।
ऐतिहासिक इमारत को हेरिटेज होटल का रूप दिया
उल्लेखनीय है कि हेरिटेज होटल का शुभारंभ 30 मार्च को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व राज्यपाल मंगुभाई पटेल द्वारा किया गया था। टूरिज्म और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सहयोग से 5000 वर्गफीट परिसर में स्थित 2500 वर्गफीट की ऐतिहासिक इमारत के पुनर्निर्माण में मराठा स्थापत्य कला का विशेष ध्यान रखा गया है। होटल पूरी तरह से हाईटेक ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित है। होटल के इंटीरियर को पूरी तरह से ऐतिहासिक और पारंपरिक स्वरूप दिया गया है, जिसमें हैंड वर्क नक्काशी, राजस्थानी महंगे पत्थर, उच्च गुणवत्ता का मार्बल, झूमर, भव्य दरवाजे और सोफे शामिल है।