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Monsoon Gardening Tips: बारिश के सीजन में सबसे अधिक पानी भरने की वजह से समस्या देखी जाती है जिसकी वजह से मिट्टी में फंगस लगता है पौधे में कीड़े लगने लगते हैं पानी नहीं निकलने की वजह से पेड़ पौधे सड़ने लगते हैं.
मानसून सीजन में धरती हरियाली की चादर ओढ़ लेती है. चारों तरफ हरे-भरे पेड़ नजर आते हैं. एक तरफ किसान खरीफ सीजन की फसलों को लगाते हैं तो दूसरी तरफ पेड़-पौधे लगाने का भी मौसम यही होता है. कई लोगों को अपने बगीचे में या खेतों में पेड़ पौधे लगाने का शौक भी होता है.

लेकिन, तमाम शहरी लोगों को पौधे लगाने का सही तरीका पता नहीं होने से अधिकांश पौधे पनपने से पहले ही मर जाते हैं, जिससे निराशा हाथ लगती है. अगर आप भी बारिश में पेड़ पौधे लगाने की तैयारी कर रहे हैं तो एक्सपर्ट की ये बात पहले जान लीजिए.

सागर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. केएस यादव बताते हैं कि बड़े किसान हो या छोटा किसान, अपने खेत पर कुछ जगह में उन्नत किस्म के आम, अमरूद, चीकू, कटहल, नींबू जैसे पौधे लगा सकते हैं. लोग शहरों में भी अगर जगह है तो इस मौसम में ऐसे पौधे लगा सकते हैं.

इस चीज का विशेष ध्यान रखें कि किसी भी चीज के देसी पौधे न लें. अगर आप पौधे खरीदने जा रहे हैं तो विश्वसनीय नर्सरी से खरीदें साथ में ग्राफ्टिंग वाले पौधे ही लें.

पौधे लगाने से पहले गड्ढा खोदें जो 2 फीट लंबा 2 फीट चौड़ा 2 फीट गहरा हो. अगर मिट्टी पथरीली है तो उसकी जगह पर दोमट मिट्टी या बलुई दोमट मिट्टी या काली मिट्टी के साथ गोबर की खाद मिला कर डालें.

साथ में आधा किलो सिंगल सुपर फास्फेट मिला लें. दीमक की रोकथाम करने के लिए नीम की खली या ट्राइकोडर्मा मिल जाए तो उसको डाल सकते हैं, जिससे रोग नहीं लगेगा.

बरसात में जब पौधों को लगाते हैं तो गड्ढे भरने से पहले एक चीज का और ध्यान रखें कि जो गड्ढा आप भरेंगे तो उसकी जमीन से ऊंचाई कम से कम 15 सेंटीमीटर ज्यादा हो, क्योंकि जमीन के बराबर रखते हैं तो वह की और गड्ढा दब जाता है. इससे पानी भर जाता है. पानी भरने से रोग लग जाता है. पौधा सड़ने लगता है.

ऐसी स्थिति में इस चीज का ध्यान रखें. पौधे लगाते हैं और पानी नहीं गिरता है तो एक दो बार पानी देना भी जरूरी होता है. अगर आप जुलाई के अंत तक पौधारोपण कर लेते हैं तो बाद में कोई परेशानी नहीं होगी. ऐसे में 100 में से 90 पौधे तक आपके बच जाने की उम्मीद है.