MP के सतना में गरीबी का रिकॉर्ड! सरकार ने बांटे ‘0 से 3 रुपये’ कमाई वाले सर्टिफिकेट

MP के सतना में गरीबी का रिकॉर्ड! सरकार ने बांटे ‘0 से 3 रुपये’ कमाई वाले सर्टिफिकेट


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Satna News : मध्य प्रदेश के सतना जिले में प्रशासन की ओर से जारी कुछ आय प्रमाण पत्रों ने हैरानी और बहस दोनों को जन्म दिया है. कई गरीब परिवारों को ऐसे प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं जिनमें उनकी वार्षिक आय ‘शून्य’ से…और पढ़ें

सतना में जारी गलत आय प्रमाण पत्रों को लेकर हड़कंप मचा हुआ है.

हाइलाइट्स

  • MP के सतना में गरीबी का रिकॉर्ड.
  • गलत सरकारी सर्टिफिकेट बांट दिए.
  • अब जांच की बात कह रहे अफसर.
शिवेंद्र बघेल
सतना.
जिले से आई इस रिपोर्ट ने सभी को चौंका दिया है. कई ग्रामीणों को सरकार की ओर से ऐसे आय प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें उनकी सालाना कमाई ‘₹0’ से लेकर ‘₹3’ तक दिखाई गई है. ये प्रमाण पत्र न केवल डिजिटल पोर्टल पर अपलोड हुए बल्कि कुछ को भौतिक रूप से भी बांटे गए हैं. ऐसे सर्टिफिकेट पाने वालों में दैनिक मजदूरी पर आश्रित परिवार, विधवाएं और बुजुर्ग शामिल हैं. यह वाकया मध्य प्रदेश में सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की हकीकत का आईना बन गया है. इस सरकारी प्रमाण पत्रों ने कर्मचारियों और अफसरों की पोल खोल दी है. कांग्रेस ने इन सर्टिफिकेट को लेकर अफसरों के कामकाज का मजाक बनाया जा रहा है. लोग पूछ रहे हैं कि आखिर कैसे इतनी बड़ी गलती हो सकती है.

कांग्रेस ने कहा कि सिस्‍टम ऐसा हो गया है कि लोगों को भटकना पड़ता है और कई कई दिनों के इंतजार के बाद उन्‍हें सरकारी दस्‍तावेज मिल पाता है. कई दफ्तरों में दलाल और एजेंट सक्रिय हैं, अगर वो फाइल ले जाएं तो तुरंत काम हो जाता है, लेकिन आम आदमी अगर जाए तो फिर उसे कई हफ्तों तक चक्‍कर काटने पड़ते हैं. अफसर अपनी सीट पर नहीं मिलते तो कहीं बाबू काम नहीं करता. सतना में तो गलत सरकारी सर्टिफिकेट्स ने पूरी पोल खोल कर रख दी है. यहां प्रमाण पत्रों की जांच नहीं होती तो यह मामला पकड़ में भी नहीं आता. जिले वार ऐसे मामलों की जांच हो तो गड़बड़ी सामने आ जाएगी.

पेंशन और राशन कार्ड के लिए बनवाए गए थे प्रमाण पत्र
मामला तब सामने आया जब कई ग्रामीणों ने पेंशन और राशन कार्ड के लिए आवेदन करते समय आय प्रमाण पत्र की प्रति जमा कराई. जब वे अपने प्रमाण पत्र देखने पहुंचे तो उसमें उनकी सालाना आय मात्र ₹0, ₹1 या ₹3 दर्ज मिली. इससे न केवल लाभार्थी हतप्रभ रह गए, बल्कि सोशल मीडिया पर इन प्रमाणपत्रों की तस्वीरें वायरल हो गईं. कई लोगों ने सवाल किया कि क्या यह सरकारी व्यवस्था की विफलता है या फिर एक सॉफ्टवेयर गलती का नतीजा. संदीप कुमार नामदेव को शून्‍य रुपए वार्षिक आय का प्रमाण पत्र जारी हुआ.

प्रशासन बोला- सिस्टम की गड़बड़ी हो सकती है, जांच के आदेश
सतना जिला प्रशासन ने इस पूरे प्रकरण पर सफाई देते हुए कहा कि यह प्राथमिक तौर पर तकनीकी गड़बड़ी लग रही है. उप संचालक (राजस्व) स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है. जिन आवेदकों के प्रमाण पत्रों में ऐसी विसंगति पाई गई है, उन्हें दोबारा जांच कर प्रमाणपत्र दिए जाएंगे. प्रशासन का कहना है कि अगर किसी पटवारी या लोकसेवा केंद्र से त्रुटिपूर्ण डेटा भेजा गया है तो उसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी.

विपक्ष बोला- गरीबों के साथ मजाक, सरकारी नीतियों पर सवाल
इस घटनाक्रम पर विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा कि यह प्रशासनिक संवेदनशीलता की कमी और व्यवस्था की विफलता का नतीजा है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यदि किसी परिवार की वास्तविक आय ₹3 है तो यह पूरी सरकार के लिए शर्म की बात है, और अगर यह गलती है तो फिर इतनी लापरवाही क्यों? उन्होंने मांग की कि सरकार ऐसे सभी मामलों की तह तक जाकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करे.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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