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Woman Success Story: मध्य प्रदेश के ओरछा में एक ऐसा गांव है, जिसके बारे में सुनकर 15 देशों के लोग यहां आ चुके हैं. खासियत और कहानी आपको भी हैरान कर देगी…
हाइलाइट्स
- उमा पाठक ने होमस्टे से गांव को वर्ल्ड फेमस बनाया
- लाडपुरा गांव में होमस्टे से हर महीने 1 लाख से अधिक की कमाई
- उमा पाठक को बेस्ट ग्राम स्टे अवार्ड से सम्मानित किया गया
लेकिन, उमा के लिए यह सब करना इतना आसान नहीं था. लोग ताने देते थे कि गांव में कौन आएगा? जो पैसा खर्च कर रही हो, सब डूब जाएगा. लेकिन, उनके इस कार्य में पति और परिवार का साथ मिला, तो उन्होंने सपनों को साकार किया. परिवार को आय का एक नया स्रोत दिया और अब वह रोल मॉडल के रूप में हैं. इस गांव में होम स्टे एक से बढ़कर 20 हो चुके हैं. गांव के कई परिवारों को घर बैठे रोजगार मिल गया है.
लाडपुरा के भी हालात बदल गए हैं. इस टूरिस्ट ग्राम के जरिए उमा पाठक ने सैलानियों को बुंदेलखंडी खानपान और परंपराओं से परिचित कराया. यहां पर उनके द्वारा बुंदेलखंडी व्यंजन परोसे जाते हैं. गांव का रहन-सहन कैसा होता है? खेती-बाड़ी कैसे होती है? यहां की संस्कृति क्या है? इन सब चीजों की व्यवस्थाएं की गई हैं. अब तक उमा पाठक के होम स्टे में 15 से अधिक देशों के विदेशी टूरिस्ट आ चुके हैं. यह गांव UNWTO की सूची में भी शामिल है. देश के तीन गांवों को चयनित किया गया था, जिसमें से एक ओरछा का लाडपुरा भी है.
PM से मिल चुकीं, CM से सम्मान
होमस्टे का सफल संचालन करने के लिए 31 मई को जब प्रधानमंत्री भोपाल आए थे, तब उमा पाठक ने उनसे मुलाकात की. ग्रामीण महिलाओं को मिले रोजगार के बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि किस तरह के अवसर बन रहे हैं. इस गांव के लिए उमा पाठक को बेस्ट ग्राम स्टे अवार्ड से मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया है.
दूध, शहद, व्यंजन सबमें रोजगार
उमा पाठक बताती हैं कि होम स्टे शुरू होने के बाद केवल इनको संचालित करने वाले परिवारों को ही रोजगार नहीं मिला है. इसके अलावा गांव की अन्य चीजों में भी रोजगार मिला है. कोई शहद बेच रहा है, कोई दूध बेच रहा है, कोई अन्य तरह के व्यंजन बना रहा है. मध्य प्रदेश टूरिज्म और हरितिका संस्था के सहयोग से महुआ होम स्टे का शुभारंभ किया था और इसके बाद से लगातार सफल संचालन कर रही हैं.