राष्ट्रीय आजीविका मिशन में 10 साल तक रहे एलएम बेलवाल की हाई प्रोफाइल संविदा नियुक्ति की नोटशीट विधानसभा में सामने आई है। इसके मुताबिक तत्कालीन सीएस इकबाल सिंह बैंस के दखल पर बेलवाल की नियुक्ति की गई थी। इसमें एसीएस और मंत्री की आपत्ति दरकिनार की गई थ
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बेलवाल की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने विधानसभा में दस्तावेज मांगे थे। जबाव में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने नियुक्ति से संबंधी सभी नोटशीट उपलब्ध कराईं, जिनसे साफ है कि रिटायरमेंट के 18 महीने बाद ही उनकी संविदा सीईओ पद पर एंट्री में सारे नियमों को ताक पर रख दिया गया था।
बेलवाल 2012 से 2018 तक प्रतिनियुक्ति पर आजीविका मिशन में रहे। वे 31 दिसंबर 2018 को रिटायर हुए, लेकिन 18 महीने बाद ही 17 जुलाई 2020 को उन्हें ओएसडी बना दिया गया, और सिर्फ 12 दिन बाद 29 जुलाई 2020 को सीईओ बना दिया गया। मिशन में ओएसडी का कोई पद ही नहीं था, जिसे विशेष रूप से बेलवाल के लिए सृजित किया गया। इस नियुक्ति से पहले 20 जून 2020 को मौजूदा सीईओ शिल्पा गुप्ता को हटा दिया गया।
चुनावी साल में कम हो गए 10 लाख बेरोजगार, इसके अगले साल सिर्फ 14 हजार को रोजगार
प्रदेश में 2023-24 में विधानसभा और लोकसभा चुनाव हुए। दोनों ही चुनावों के दौरान दो-दो महीने आचार संहिता प्रभावी रही। लेकिन, इसी दरम्यान रोजगार के इच्छुक 10 लाख आकांक्षी युवाकम हो गए।
सरकार के आंकड़ों के मुताबिक मप्र में 30 जून 2023 तक बेरोजगारों की संख्या 35 लाख 73 हजार 694 थी, जो 30 जून 2024 में घटकर 25 लाख 82 हजार 759 रह गई। ताज्जुब यह है कि एक साल में प्रदेश में 10 लाख आकांक्षी युवा कम हो गए, लेकिन इसके अगले साल 30 जून 2024 से 30 जून 2025 के बीच इनकी संख्या महज 14 हजार ही कम हुई। प्रदेश में 86 हजार 535 इंजीनियर और 4811 एमबीबीएस डॉक्टरों को भी रोजगार की तलाश है। यह जानकारी कांग्रेस के विधायक बाला बच्चन के प्रश्न के उत्तर में राज्यमंत्री गौतम टेटवाल ने दी।
एलएम बेलवाल की नियुक्ति के लिए ऐसे चलीं नोटशीट…
- मनोज श्रीवास्तव, तत्कालीन एसीएस पंचायत एवं ग्रामीण विकास
राष्ट्रीय आजीविका मिशन में सीईओ का पद किसी संविदा आईएएस अधिकारी को नहीं दिया जा सकता, वह भी बिना विज्ञप्ति और वित्तीय सहमति के। इस पर कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
- महेंद्र सिंह सिसोदिया, तत्कालीन मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास
श्रीवास्तव की टिप्पणी पर सहमति जताई।
- इकबाल सिंह बैंस, तत्कालीन मुख्य सचिव
जब तक नया आईएएस अधिकारी नियुक्त नहीं होता, तब तक बेलवाल को सीईओ का प्रभार दिया जा सकता है। मुख्यमंत्री जी की सहमति है। सीईओ बनाए जाने का आदेश जारी करें।
- मनोज श्रीवास्तव, एसीएस (दूसरी टिप्पणी)
उच्च स्तर से सीईओ बनाए जाने के निर्देश हैं। आदेश जारी कर दिए जाएं और प्रति मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय एवं जीएडी को भेजी जाए। चूंकि वित्तीय अधिकार का मामला है, इसे कैबिनेट में भी भेजा जाए।
- सचिन सिन्हा, तत्कालीन प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास
2023 तक पद पर रहे बेलवाल… मार्च 2021 में एसीएस मनोज श्रीवास्तव और पीएस सचिन सिन्हा दोनों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से हटा दिया गया। उमाकांत उमराव को विभाग का नया प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया। बेलवाल 2023 तक सीईओ पद पर बने रहे।