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Nag Panchami 2025: इस दिन हम लोग शुद्ध देसी घी की पूरी बनाते हैं. जिसके यहां इसकी व्यवस्था नहीं होती, तो उनके घर में बाटियां बनाई जाती हैं. दशकों से जो परंपरा चली आ रही है, वो आज भी कायम है. नागपंचमी के दिन पूज…और पढ़ें
सागर निवासी द्रौपदी बाई गौतम ने लोकल 18 को बताया कि जब हमारी सास थीं, जेठानी थीं, मां थीं, तो उनसे सुनते हुए आते थे कि कितना ही कुछ बन जाए, बिगड़ जाए लेकिन नागपंचमी के दिन चूल्हे पर तवा नहीं चढ़ता है और न ही रोटी बनानी है. माना जाता है कि ऐसा करने से अनर्थ होता है. इस दिन हम लोग शुद्ध घी की पूरी बनाते थे. जिसके यहां इसकी व्यवस्था नहीं होती थी, तो उनके घर में बाटियां बनाई जाती थीं. दशकों से जो परंपरा चली आ रही है, वो आज भी जारी है. आज भी नागपंचमी के दिन किसी के घर में रोटी नहीं बनाई जाती हैं. पूजा करने के बाद लोग पूरी-सब्जी, बाटी और फरा बनाते हैं.
नागपंचमी पर क्यों नहीं बनाते चावल?
उन्होंने आगे बताया कि नागपंचमी के दिन चावल भी नहीं बनाए जाते हैं. इसके पीछे मान्यता है कि चावल नागदेवता के दांत होते हैं. नागदेवता के मुंह को राहु और पूंछ को केतु माना जाता है, इसलिए इनको प्रसन्न रखने के लिए ऐसा किया जाता है. अगर नागदेवता प्रसन्न रहेंगे, तो घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहेगी. वह परिवार के बच्चों की रक्षा करेंगे. इन मान्यताओं को पूरा करने से न तो वह कभी सपने में दिखाई देते हैं और न ही कभी अन्य किसी तरह की परेशानी आती है. लोग हर तरह से सुरक्षित रहते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.