भोपाल. रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात से जारी मूसलधार बारिश ने शहर को एक बार फिर जलसंकट में डाल दिया है. बीते 18 घंटों में रिकॉर्ड 4 इंच से ज़्यादा बारिश दर्ज की गई है, जिसके बाद राजधानी के कई इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने बुधवार को सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया. घरों में पानी घुसने, सड़कें डूबने और ट्रैफिक जाम की वजह से शहर की रफ्तार पूरी तरह थम गई है. सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और लोग अपने घरों में ही फंसने को मजबूर हैं. यह बारिश सिर्फ जलभराव तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने शहर के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.
बारिश का सबसे विकराल रूप कोलार, शाहपुरा, बैरागढ़, छोला, करोंद और आसपास के निचले इलाकों में देखने को मिला. इन कॉलोनियों की गलियां और सड़कें पूरी तरह पानी में डूब गईं, और कई मकानों के अंदर तक पानी घुस गया. बैरागढ़ में कई घरों में कमर तक पानी भरने की खबरें हैं, जिससे लोग अपने सामान को बचाने के लिए जद्दोजहद करते दिखे. करोंद और छोला क्षेत्र में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. जलभराव के कारण कई जगह बिजली सप्लाई बाधित हुई और कुछ क्षेत्रों में तो ट्रांसफॉर्मर तक पानी में डूब गए, जिससे घंटों तक बिजली गुल रही. नगर निगम की राहत टीमें लगातार मोटर पंपों से पानी निकालने की कोशिश में लगी हैं, लेकिन लगातार बारिश उनके प्रयासों में बाधा डाल रही है.
मौसम की गंभीरता और शहर में व्यापक जलभराव की स्थिति को देखते हुए, भोपाल कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से सोमवार को शहर के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है. यह फैसला बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को लगातार सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित होने की तैयारी शुरू कर दी है. भोपाल नगर निगम (BMC) की 10 से अधिक टीमों को 24 घंटे जल निकासी और राहत कार्यों में लगाया गया है. ये टीमें लगातार जलभराव वाले क्षेत्रों में निगरानी कर रही हैं और फंसे हुए लोगों तक मदद पहुंचा रही हैं. आपदा प्रबंधन टीमें भी पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके.
जलस्तर में उछाल, बड़ा तालाब और कोलांस नदी उफान पर
लगातार हो रही मूसलधार बारिश के चलते भोपाल के लाइफलाइन कहे जाने वाले बड़ा तालाब और कोलांस नदी में पानी का स्तर तेज़ी से बढ़ रहा है. कोलांस नदी इस सीज़न में पहली बार अपने सामान्य स्तर से 1 फीट से ऊपर बह रही है, जो कि एक चिंताजनक संकेत है. वहीं, बड़े तालाब का जलस्तर भी खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच चुका है और यह ओवरफ्लो की स्थिति में आने वाला है. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में और भारी बारिश का अनुमान जताया है. अगर बारिश इसी तरह जारी रही, तो भोपाल के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो सकता है और भदभदा डैम के गेट खोलने की नौबत भी आ सकती है, जिससे शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ जाएगा.
ट्रैफिक जाम और प्रशासन की चुनौतियां
मूसलधार बारिश ने शहर के ट्रैफिक सिस्टम को भी बुरी तरह प्रभावित किया है. भोपाल-इंदौर बायपास, होशंगाबाद रोड, वीआईपी रोड और लिंक रोड जैसे प्रमुख मार्गों पर भारी जलभराव के कारण वाहन फंसे रहे. शहर में जगह-जगह भीषण जाम की स्थिति बनी रही, जिससे लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में घंटों लग गए. भोपाल ट्रैफिक पुलिस ने लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से जलभराव वाले रास्तों से बचने और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह जारी की. इधर, नगर निगम और आपदा प्रबंधन की टीमें रातभर अलर्ट मोड में रहीं और आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए ताकि लोग मदद के लिए संपर्क कर सकें. प्रशासन के सामने जलभराव को नियंत्रित करने, फंसे हुए लोगों को निकालने और शहर की सामान्य गतिविधियों को बहाल करने की एक बड़ी चुनौती है.