100 के पार 18 बार, सीरीज में बल्लेबाज कर रहे हैं रिकॉर्ड बुक तार-तार

100 के पार 18 बार, सीरीज में बल्लेबाज कर रहे हैं रिकॉर्ड बुक तार-तार


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मैनचेस्टर से दोनों टीमें लंदन पहुंच चुकी हैं भारतीय टीम ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट के तीन शतक के साथ ओवल के लिए रवाना हुआ वहीं इंग्लैंड के लिए कप्तान बेन स्टोक्स और जो रूट ही शतक लगा पाए . इंग्लैंड वो जगह जहां स्विंग …और पढ़ें

भारत-इंग्लैंड सीरीज के पहले 4 टेस्ट में अब तक लग चुके हैं 18 शतक
लंदन . मैनचेस्टर से लंदन जाते वक्त बार बार बैट उठाते बल्लेबाजों की तस्वीर सामने आ रही थी क्योंकि इस सीरीज में जो कुछ अभी तक हुआ वो इंग्लैंड में कभी नहीं हुआ था यहां तक की क्रिकेट इतिहास में बहुत कम ऐसे मौक़े आए हैं जब इस क़दर बल्लेबाजों का बोलबाला देखने को मिला हो . मज़े की बात देखिए दोनों टीमों ने मिलकर इस सीरीज़ में वो कर डाला है जो इससे पहले कभी नहीं हुआ . जिस रफ़्तार से ट्रेन लंदन की तरफ़ भाग रही थी उतनी तेज़ी के साथ मैं रिकार्ड बुक के पन्ने पलट रहा था .

मैनचेस्टर से दोनों टीमें लंदन पहुंच चुकी हैं भारतीय टीम ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट के तीन शतक के साथ ओवल के लिए रवाना हुआ वहीं इंग्लैंड के लिए कप्तान बेन स्टोक्स और जो रूट ही शतक लगा पाए . इंग्लैंड वो जगह जहां स्विंग गेंदबाज़ों का बोलबाला देखने को मिलता वहाँ शतकों का अंबार लगा रहे हैं और हर कोई ये जानना चाहते है कि कैसे अचानक इंग्लैंड की सारी पिच बदल कैसे गई.

शतकों की सीरीज

मैनचेस्टर में भारतीय टीम टेस्ट ड्रॉ करने में कामयाब इस लिए रही कि दूसरी पारी में भारतीय टीम की तरफ़ से तीन शतक लगे और 311 रन की लीड के बावजूद इंग्लैंड टेस्ट नहीं जीत पाया . इसी मैच में स्टोक्स और रूट के शतकों की वजह से मेजबान टीम 669 का स्कोर बनाने में कामयाब रहीं पूरे मैच में 5 शतक लगे . आपको जानकर हैरानी होगी कि इस सीरीज में कुल 18 शतक लग चुके हैं जिसमे 11 भारत और 7 इंग्लैंड के नाम पर हैं शुभमन गिल 4 शतक, ऋषभ पंत 2 शतक और केएल राहुल 2 शतक लगा चुके हैं वहीं यशस्वी जायसवाल रवींद्र जडेजा और सुंदर ने 1-1 सत्र लगाया. इंग्लैंड के लिए जो रूट ने 2 शतक वहीं स्टोक्स डकेट ब्रूक , जेम्स . पोप ने 1-1 शतक लगाया. इस सीरीज से पहले इतिहास में कोई ऐसी सीरीज नहीं हुई जिसमें 18 शतक लगे हो और अभी सीरीज का एक टेस्ट बाक़ी है .

पिच बेजान गेंदबाज़ी में नहीं जान

80-90 के दशक में इंग्लैंड दौरे का मतलब होता था बल्लेबाज़ों की अग्निपरीक्षा, पूरी सीरीज में एक दो शतक कोई लगा देता था तो उसे बड़ी उपलब्धि माना जाता था . ये बात एंडरसन ब्रॉड जब तक खेले तब माना जाता रहा . पर जबसे इंग्लैंड क्रिकेट बेजबॉल की तरफ़ बढ़ा और बल्लेबाज़ी पर ज़ोर देने लगा गेंदबाज़ी मानो रसातल में चली गई . इस सीरीज़ की ही बात करें तो लॉर्ड्स टेस्ट छोड़ दें तो लीड्स, बर्मिंघम और मैनचेस्टर हर जगह पाटा पिचों पर मैच खेला गया और हर मैदान पर बड़े बड़े शतक देखने को मिले. एक बात तो साफ हो चुकी है कि ना तो अब इंग्लैंड की पिचों में जान है और ना ही ऐसे गेंदबाज आ रहे है जो अपनी स्किल से विरोधी टीम को परेशान कर सके इसीलिए टेस्ट क्रिकेट में पर मैच शतकों की संख्या में तेजी के साथ इजाफा हो रहा है.

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