46 दिन बाद छत्तीसगढ़ की सीमा पर पहुंचे जंगली हाथी: अनूपपुर के सैकड़ों ग्रामीणों के घर, खेत और बाड़ियों को पहुंचाया नुकसान – Anuppur News

46 दिन बाद छत्तीसगढ़ की सीमा पर पहुंचे जंगली हाथी:  अनूपपुर के सैकड़ों ग्रामीणों के घर, खेत और बाड़ियों को पहुंचाया नुकसान – Anuppur News


छत्तीसगढ़ की सीमा पर मौजूद जंगली हाथियों का समूह।

अनूपपुर में चार हाथियों का समूह 46 दिन तक मंगलवार की सुबह छत्तीसगढ़ के मरवाही क्षेत्र में फिर से प्रवेश कर गया है। इस दौरान हाथियों ने अनूपपुर, डिंडौरी, उमरिया और शहडोल जिले के क्षेत्रों में विचरण किया।

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यहां हाथियों ने सैकड़ों ग्रामीणों के घरों, खेतों और बाड़ियों में रखे कई प्रकार के अनाजों को अपना आहार बनाया। पिछले पांच दिनों से जैतहरी के चोलना वन बीट अंतर्गत चोई और पड़रिया गांवों में रात के समय विचरण करते हुए हाथियों ने ग्रामीणों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है।

मरवाही क्षेत्र में विचरण करते हाथी।

14 जून से मचा रहे था उत्पात

परेशान ग्रामीणों ने हाथियों को भगाने के लिए जिला प्रशासन से हाथियों को जिले की सीमा से दूर करने की मांग की थी। यह हाथी समूह 14 जून की रात छत्तीसगढ़ से अनूपपुर जिले के जैतहरी क्षेत्र में प्रवेश किया था। इसके बाद जैतहरी, अनूपपुर, राजेंद्रग्राम के साथ-साथ डिंडौरी, उमरिया और शहडोल जिले में भी विचरण किया।

हाथी दिन के समय ग्रामीण क्षेत्रों से लगे जंगलों में विश्राम करते और रात होते ही आहार की तलाश में ग्रामीण इलाकों में पहुंच जाते थे। वे ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर अंदर रखी खाने की सामग्रियों के साथ-साथ खेतों और बाड़ियों में लगी फसलों को भी नुकसान पहुंचाते रहे।

हाथियों ने ग्रामीणों के घर किए क्षतिग्रस्त।

हाथियों ने ग्रामीणों के घर किए क्षतिग्रस्त।

हाथियों के अचानक गांव, टोला और मोहल्ले में पहुंचने के डर से ग्रामीणों में भय की स्थिति बनी रही। इस दौरान ग्रामीण अपने और अपने परिवार को बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण लेते रहे। अब हाथियों के जिले से बाहर जाने पर लोगों ने राहत की सांस ली है।

तैयार हो रहा राहत प्रकरण

राजस्व और वन विभाग की संयुक्त टीम ने हाथियों से हुए नुकसान का सर्वेक्षण कर राहत प्रकरण तैयार किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से कम राहत राशि मिलती है और पूर्व में हुए नुकसान की राहत राशि अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने शीघ्र ही राहत राशि दिलाए जाने की मांग की है।

अपने क्षतिग्रस्त घर पर पास खड़ा ग्रामीण।

अपने क्षतिग्रस्त घर पर पास खड़ा ग्रामीण।



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