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Common krait Snake: दुनिया में सांप की तीन हजार से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं. कुछ सांप बेहद जहरीले होते हैं. इनमें कॉमन करैत सांप कोबरा से भी ज्यादा खतरनाक है और इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है. (रिपोर्ट: दीपक पांडे)
मध्य प्रदेश के खरगोन सहित कई जिलों में इन दिनों बारिश की शुरुआत के साथ ही कॉमन करैत का डर लोगों को सताने लगा है. यह सांप कोबरा से भी ज्यादा खतरनाक होता है. न डसने की आवाज करता है, न कोई दर्द देता है, न ही शरीर पर काटने का निशान छोड़ता है.

इसकी एक हल्की सी छुअन भी इंसान की जान ले सकती है. यही वजह है कि इस सांप को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है. आमतौर पर यह सांप खेतों, बस्तियों और घरों में देखा जाता है.

गौरतलब है कि, कॉमन करैत भारत के चार सबसे जहरीले सांपों में शामिल है. इसे लेकर सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि यह जब काटता है, तो इंसान को एहसास ही नहीं होता कि उसे कोई जहरीला सांप डस गया है. न कोई दर्द, न जलन और न ही कोई गहरा घाव देता है. जब तक लक्षण नजर आने लगते हैं, तब तक जहर शरीर में फैल चुका होता है और कई मामलों में इंसान की मौत हो चुकी होती है.

खरगोन के स्नेक कैचर महादेव पटेल बताते हैं कि कॉमन करैत सांप काले या भूरे रंग का होता है, शरीर चमकीला होता है और थोड़ी दूरी पर दो-दो सफेद लाइनें दिखती हैं. यह ज्यादातर चूहे और मेंढक खाता है, इसलिए खेतों में अक्सर दिखता है. लेकिन बरसात में जब खेतों से ये जानवर घरों के पास आने लगते हैं, तो ये सांप भी उनके पीछे-पीछे बस्तियों में पहुंच जाते हैं.

सबसे ज्यादा खतरा रात को होता है. यह सांप दिशाचरी होता है यानी रात में एक्टिव होता है. जमीन पर सोने वाले लोग इसके सबसे ज्यादा शिकार बनते हैं. कॉमन करैत शरीर की गर्माहट को महसूस कर चुपचाप पास आता है और बिना कोई हलचल किए इंसान से चिपक जाता है. जैसे ही करवट बदलते हैं यह डस लेता है. डसने पर कोई दर्द नहीं होता, इसलिए लोग सोते रहते हैं और जहर चुपचाप अपना असर करता रहता है.

कई केसों में तो लोग सुबह उठते ही सुन्न अंगों की शिकायत करते हैं, बोलने में दिक्कत होती है, सांस रुकने लगती है और शरीर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है. अगर वक्त पर इलाज न मिले तो मौत हो जाती है. महादेव पटेल कहते हैं कि कॉमन करैत के डसने के बाद सिर्फ 90 मिनट का समय होता है जिसमें इलाज जरूरी है. इस दौरान दौड़ना या ज्यादा चलना जहर को और तेजी से शरीर में फैलाता है.

एक्सपर्ट की मानें तो ये सांप बारिश में घरों के अंदर घुस आते हैं. कपड़ों, रजाई, गद्दों और अंधेरे कोनों में भी छिप जाते हैं. इसलिए किसी भी कपड़े या बिस्तर को इस्तेमाल करने से पहले ध्यान से देख लेना चाहिए.

बरसात में जमीन पर नहीं सोएं, मच्छरदानी जरूर लगाएं और रात में बिना लाइट के बाहर न निकलें. क्योंकि यह सांप डसने के बाद भाग जाता है और कोई सबूत तक नहीं छोड़ता है. इसलिए कई बार तो परिवार को पता भी नहीं चलता कि मौत का कारण सांप का डंक था.