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Ajab Gajab Study Technique: अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अगर आप बी कोई आसान तरीका तलाश रहे हैं तो ये स्टोरी जरूर पढ़ें. इस तरीके से आपका बच्चा हंसते खेलते सीख जाएगा.
जैसे अक्षर से अक्षर को जोड़ने के लिए उन्होंने कविता बनाई..
अक्षर अक्षर जोड़े हम.. आओ शब्द बनाए हम..
क और ल के मिल जाने से बन जाता हैं कल..
कल फिर पढ़ने आएंगे पढ़कर कुछ बन जाएंगे
फ़ और ल के मिल जाने से बन जाता हैं फल..
आओ फल को खाएं हम सेहत खूब बढ़ाए हम
अक्षर अक्षर जोड़े हम.. आओ शब्द बनाए हम..
म और न के मिल जाने से बन जाता हैं मन
मन को हम खूब लगाएंगे और निपुण बन जाएंगे
अक्षर अक्षर जोड़े हम.. आओ शब्द बनाए हम..
शिक्षक राजेश यादव बताते हैं कि वह बंडा से 17 किलोमीटर दूर रोड़ा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने साल 2006 में अपने गांव के सरकारी स्कूल में निशुल्क पढ़ना शुरू किया था. 2 साल तक पढ़ने के बाद वह एक दूसरे स्कूल में अतिथि के रूप में चले गए थे. साल 2013 में उनका वर्ग 3 संविदा के रूप में चयन हुआ और फिर वह तब से लेकर अब तक बंडा से करीब 7 किलोमीटर दूर बकपुरा प्राथमिक शाला में पदस्थ है और 12 साल हो चुके है इस समय वह प्रभारी प्राध्यापक के रूप में है उन्होंने बताया कि उनके स्कूल में वर्तमान में 47 बच्चे हैं .
बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने के लिए वह इस तरह की पढ़ाई करवाते हैं. ताकि जब बच्चे शुरुआत में घर से स्कूल आते हैं तो उन्हें घर जैसा माहौल मिले और खेल-खेल में कविताओं के माध्यम से पढ़ाई कर सके. इसलिए उन्होंने कड़ी से लेकर अक्षर ज्ञान तक और अक्षर से शब्द जोड़ने तक को सभी को कविताओं कहानियों में पिरोया है और बच्चों को पढ़ाते हैं,