ब्यारमा नदी के किनारे बसे गांवों में घुसा पानी, 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया।
दमोह में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। ब्यारमा नदी के किनारे बसे करीब दर्जनभर गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। प्रशासन ने अब तक 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है।
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मंगलवार रात भर हुई भारी बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर हैं। ब्यारमा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिससे अंतरा, कनिया घाट, पटी जैसे गांवों के घरों में पानी घुस गया है। स्थानीय लोगों का सामान बर्बाद हो चुका है, और कई परिवारों को रातों-रात खाली करना पड़ा।
हटा ब्लॉक के कुंवरपुर, हरदुआ और सेमरी जैसे गांवों की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है। इन क्षेत्रों में ब्यारमा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण खेतों में पानी भर गया है और मुख्य मार्ग पूरी तरह से बंद हो चुका है। रनेह थाना क्षेत्र का इमलिया गांव और पटेरा ब्लॉक का बिला खुर्द भी बाढ़ से प्रभावित हैं।
इमलिया और बिला खुर्द गांवों में भी बाढ़ जैसे हालात
जबलपुर-सागर नेशनल हाईवे पर तेंदूखेड़ा के झापन गांव के पास पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। तेज बहाव के कारण पुल का एक हिस्सा बह गया, जिससे इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। इससे यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
अब तक दमोह जिले में 29 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में 11 इंच ज्यादा है। अभी भी रिमझिम बारिश जारी है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।
कलेक्टर सुधीर कोचर ने पूरे जिले के अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेष रूप से ब्यारमा नदी के किनारे बसे गांवों के लोगों से अपील की है कि वे नदी के पास न जाएं और सतर्क रहें। किसी भी आपात स्थिति में कंट्रोल रूम नंबर 07812350300 पर संपर्क करें। उन्होंने कहा कि “प्रशासन की नजर इन सभी प्रभावित क्षेत्रों पर है।”
बुधवार को ADM मीना मसराम दमोह के गोपालपुर, धनघोर कला, बिसना खेड़ी और सर्रा गांव का दौरा करेंगी। वह स्थिति का जायजा लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेंगी।
प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर मौजूद हैं, राहत और बचाव कार्य जारी है। लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन का सहयोग करें।