शहर में लगातार हो रही बारिश ने बीमारियों का खतरा भी बढ़ा दिया है। शहर के जेपी, हमीदिया और एम्स अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार, फंगल इंफेक्शन, फूड प्वाइजनिंग और उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। रोजमर्रा की तुलना में अस्पतालों की ओपीडी
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जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि मौसम में बदलाव से वायरल इन्फेक्शन के मामले बढ़े हैं। हर दिन बड़ी संख्या में सर्दी-जुकाम, बुखार और पेट की तकलीफ वाले मरीज आ रहे हैं। मरीजों की संख्या को देखते हुए दो अतिरिक्त काउंटर भी शुरू किए गए हैं।
हमीदिया अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश टिक्कस ने बताया कि बच्चों में वायरल फीवर के केस ज्यादा हैं। गले में दर्द, सूजन, कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायतें बढ़ी हैं। मरीजों में बुखार 7 से 10 दिन तक बना हुआ है।
अस्पतालों में त्वचा एलर्जी, उल्टी-दस्त, फूड प्वाइजनिंग, टाइफाइड के केस बढ़े हैं। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा भी बना हुआ है। प्रशासन ने सभी अस्पतालों को जरूरी दवाएं उपलब्ध रखने के निर्देश दिए हैं। जेपी अस्पताल सहित अन्य जगहों पर स्टाफ को सतर्क किया गया है ताकि मरीजों को समय पर उपचार मिल सके।
नमी-गंदगी और तापमान में उतार-चढ़ाव से फैल रहा रोगों का संक्रमण
बारिश के बाद गड्ढों में जमा पानी से मच्छर बढ़े हैं। तापमान में उतार-चढ़ाव से वायरल संक्रमण तेज हुआ है। नमी और गंदगी से फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के मामले बढ़ रहे हैं। दूषित पानी और भोजन से पेट की बीमारियां फैल रही हैं। डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि वे रोग के लक्षण दिखते ही अस्पताल में उपचार करवाएं घर पर इलाज न करें।
साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर के आसपास पानी-गंदगी जमा न होने दें। मच्छरदानी और रिपेलेंट का प्रयोग करें। पानी उबाल कर पिएं। बासी भोजन से बचें और हल्का-सुपाच्य भोजन लें। जरूरत होने पर डॉक्टर से सलाह लें और टीका जरूर लगवाएं।