Cow News: किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है. कई किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन करके अपनी आय बढ़ा रहे हैं. इसके लिए सरकार भी गाय-भैंस पालन के लिए प्रोत्साहित कर रही है. अनुदान दे रही है. अगर आप गाय पालन करना चाहते हैं तो इन पांच नस्ल की गाय पाल सकते हैं, जिससे हर महीने बढ़िया आमदनी हो जाएगी. क्योंकि, इनके दूध देने की क्षमता बहुत अच्छी है.
बुरहानपुर के पशु चिकित्सक डॉ. अजय रघुवंशी ने बताया, अगर आप टॉप फाइव क्वालिटी की गाय पालना चाहते हैं, तो ये पांच नस्ल की गाय सबसे अधिक दूध देती हैं. इससे आप हर महीने लाखों कमा सकते हैं. इनमें नेलोर, गिर, साहिवाल, लाल सिंधी और थारपारकर शामिल हैं. ये सभी भारत की प्रसिद्ध गाय की नस्लें हैं, जिनका भारत में पालन किया जाता है. इसमें कुछ गायों का नियमित पालन
किसान करते आए हैं.
नोट करें गायों की खासियत
गिर गाय: यह भारतीय मूल की देसी नस्ल की गाय है. यह अधिक दूध देने के लिए जानी जाती है. इस नस्ल का मूल स्थान गुजरात के दक्षिण काठियावाड़ के गिर जंगलों को माना जाता है.
साहिवाल गाय: साहीवाल नस्ल की गाय भी देसी नस्ल की है. इसका मूल उदगम पाकिस्तान माना जाता है, लेकिन यह भारत में भी काफी पाली जाती है. यह अच्छी दूध उत्पादन क्षमता के लिए पहचानी जाती है. इसका शरीर गहरा चंडी ढीला होता है, सिर और सिंग छोटे होते हैं. इसका रंग लाल और गहरे भूरे रंग का होता है। यह सबसे अधिक गर्मी सहन कर लेती है.
लाल सिंधी गाय: इस गाय के शरीर का रंग गहरा लाल होता है. इसकी ऊंचाई मध्यम होती है, सिर चौड़ा और मोटे सींग होते हैं. इसकी पूछ लंबी होती है और टांगे छोटी होती हैं. इसकी त्वचा ढीली होती है. यह सभी प्रकार की जलवायु और मौसम को सहन करने की क्षमता रखती है.
कांकरेज गाय: कांकरेज गुजरात के बनासकांठा जिले की नस्ल है. यह गाय आकार में बड़ी होती है, इसके सिंग लंबे होते हैं. इसका चेहरा छोटा और नाक थोड़ा ऊपर उठा हुआ होता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत होती है कि इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है. यह उच्च तापमान को आसानी से सहन कर लेती है.
थारपारकर गाय: थारपारकर नस्ल को सर्वश्रेष्ठ भारतीय गायों की नस्लों के रूप में पहचाना जाता है. इस नस्ल की गाय का रंग सफेद या धूसर होता है। यह मुख्यतः राजस्थान के जोधपुर और जैसलमेर में पाई जाती है.