पुल-पुलियों और रपटों पर बैरिकेड्स लगाकर इन मार्गों को बंद कर दिया गया है।
सीहोर में 24 घंटे में 4.84 इंच बारिश दर्ज की गई। वहीं श्यामपुर में 3.17 इंच, इछावर में 3.39 इंच, बुधनी में 1.97 इंच, रेहटी में 1.85 इंच, आष्टा में 1.65 इंच, भेरूंदा में 1.30 इंच और जावर में 1.22 इंच बारिश हुई है।
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भारी बारिश के कारण सीवन नदी और नर्मदा नदी उफान पर हैं। नादनेर गांव में नर्मदा नदी का पानी बढ़ने से नांदनेर घाट पानी में डूब गया है। नादनेर और माखन नगर को जोड़ने वाले पुल पर भी पानी आ गया है। हालांकि, ग्रामीण पुल पर पानी होने के बावजूद उसे पार कर रहे हैं।
नादनेर से कुसुमखेड़ा मार्ग और जनमासा मार्ग दोनों बंद ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है। नर्मदा का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे जनहानि की आशंका है। नादनेर से कुसुमखेड़ा मार्ग और जनमासा मार्ग दोनों बंद हो गए हैं।
जर्जर भवनों में रहने से बचें नागरिक कलेक्टर बालागुरू के. ने इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आमजन से अपील की है कि वे सतर्क रहें और जर्जर भवनों में रहने से बचें। पानी में डूबे पुल-पुलियों और रपटों पर बैरिकेड्स लगाकर इन मार्गों को बंद कर दिया गया है।
नादनेर से कुसुमखेड़ा मार्ग और जनमासा मार्ग दोनों बंद
‘रपटों पर पानी बह रहा हो, उन्हें पार न करें’ इन स्थानों पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो नागरिकों को पुल पार करने से रोक रहे हैं ताकि संभावित दुर्घटनाओं को टाला जा सके। कलेक्टर ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि जिन पुल, पुलिया, रपटों पर पानी बह रहा हो, उन्हें पार न करें।
जर्जर भवनों को खाली करा रहे हैं अधिकारी सीहोर में जर्जर मकानों की पहचान कर उन्हें खाली कराया जा रहा है। अधिकारी आबादी वाले क्षेत्रों में स्थित उन सभी भवनों को खाली करा रहे हैं जिनके बारिश के दौरान गिरने की आशंका से जान-माल को खतरा हो सकता है।