PHOTOS: आस्था या क्रूरता? सापों को चीरा-फाड़ा और फिर चपकाया, कारण जान यकीन…

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Jabalpur Snake News : जबलपुर में सपेरों ने सांपों के जबड़े सिलकर और फेवीक्विक से चिपकाकर ज्यादती की. वेटरनरी यूनिवर्सिटी ने 30 से अधिक सांपों का रेस्क्यू कर सर्जरी से जबड़े खोले और जंगल में छोड़ा. सपेरों की इस क्रूरता से सांपों को इंफेक्शन और भूख से मौत हो सकती थी.

मध्यप्रदेश के जबलपुर में पैसे कमाने के लिए सांपों के साथ ज्यादती की गई. जहां सपेरो ने दर्शन और पूजा करने के नाम पर पहले सांपों के जबड़े को सिल दिया, फिर फेवीक्विक से सांप का मुंह तक चिपका दिया.

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जहां सांप दर्द से कराह रहे थे. जिन्हें जबलपुर की वेटरनरी यूनिवर्सिटी के वाइल्ड लाइफ सेंटर में सांपों को लाया गया. जहां एक्सपर्ट की टीम ने रेस्क्यू किया और सर्जरी कर सांपों के जबड़े को काफी मशक्कत के बाद खोला.

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वेटरनरी के विशेषज्ञ सोमेश सिंह ने बताया 30 से अधिक सांपों के जबड़े सिले और चिपके हुए थे. जिन्हें खोलने का काम किया गया. यह सांप सपेरों से जब्त किए गए थे. जहां कमाई की आड़ में सांपों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा था. जिनका उपचार किया गया.

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उन्होंने बताया कुछ सांप कोबरा और कुछ धामन प्रजाति के सांप थे. जिनके मुंह से टांके खोलकर उन्हें स्वस्थ किया गया और फिर जंगल में विचरण करने के लिए छोड़ दिया गया. ऐसा न करने पर सांप अपना शिकार नहीं कर पाता.

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उन्होंने बताया कई बार सपेरे इस तरीके की हरकतें करते हैं. जिनके कारण सांपों को मुंह में इंफेक्शन हो जाता है और भूख प्यास से उनकी मौत हो जाती है. सपेरे अक्सर सांप की विष ग्रंथि निकाल लेते हैं और दांत को तोड़ देते हैं.

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दूसरी तरफ जबलपुर रेंजर अपूर्व प्रखर शर्मा ने बताया शहरभर से 57 सांपों को सपेरों से जब्त किया गया था. जिसमें से 30 सांपों की स्थिति अच्छी नहीं थी. जिसमें कोबरा और धामन सांपों के जबड़े को सिला गया था.

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जहां जबड़े सिलने पर अक्सर भूख से सांप मर जाते हैं, जिन्हें जबलपुर के वेटरनरी यूनिवर्सिटी में इलाज के लिए भेजा गया था. जहां पूरे सांपों को स्वस्थ कर पुन: जंगल में छोड़ दिया गया.

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