श्री महाकाल महालोक में श्रावण-भादौ मास के दौरान प्रतिदिन शाम 6 से 8 बजे तक आयोजित होने वाली श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या के 12वें दिन समूह कथक नृत्य की दो प्रस्तुतियां दी गईं। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
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पहली प्रस्तुति जबलपुर की भैरवी विश्वरूप के समूह द्वारा ‘जय शिव शंकर जय गंगाधर’ से की गई। इसके बाद नृत्यांगनाओं ने अर्धनारेश्वर स्तुति, धु्रपद शंकर अति प्रचंड, रुद्राष्टकम और नमामि शमिशान निर्वाण रूपम की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का समापन ‘कजरी घिर-घिर आई सावन की बदरिया’ से किया गया।
इस प्रस्तुति में आरुषि बक्षी, सौम्या चौरसिया, सुहानी कुचनकर, अंशिका विश्वकर्मा और अदिति सिंह ठाकुर ने भाग लिया।
दूसरी प्रस्तुति द ओरियंटल आर्ट कल्चर हेरिटेज सोसायटी इंदौर की निर्देशिका विपाशा लाड के समूह द्वारा दी गई। उन्होंने शिव स्तुति के बाद पारंपरिक कथक में ताल अर्जुन में ठाठ, आमद, गत निकास, तोड़े और टुकड़े आदि की प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में नृत्यांगना शोभा रोड़वाल और मैथिली प्रचंड ने भाग लिया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद महाराज और पुजारी भारत शर्मा ने दीप प्रज्वलन किया। अतिथियों और कलाकारों का स्वागत उप प्रशासक एसएन सोनी और सिम्मी यादव ने किया। कार्यक्रम का संचालन अपूर्व पौराणिक ने किया।