मध्य अफ्रीकी देश कैमरून में हुई 12 बच्चों की मौत के मामले में सील की गई इंदौर की रीमैन लैब पर अब अभियोजन की कार्रवाई जल्द शुरू होगी। भास्कर की खबर के बाद बुधवार को ही म.प्र. के ड्रग कंट्रोलर ने ड्रग इंस्पेक्टर को तत्काल कोर्ट में प्रकरण दायर करने के
.
जून 2023 में कैमरून में 12 बच्चों की मौत के मामले में इंदौर की रीमैन लैब पर सीलिंग की कार्रवाई सेंट्रल और स्टेट ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने की थी। लैब के नेचर कोल्ड कफ सिरप के सैंपल स्टेट और कोलकाता स्थित सेंट्रल लैब की जांच में भी फेल हो गए। वहां से भी रिपोर्ट एक साल पहले आ गई, लेकिन विभाग ने काेई कार्रवाई नहीं की।
दो साल में भी विभाग जांच की पूरी नहीं कर पाया। भास्कर के खुलासे के बाद बुधवार को ड्रग कंट्रोलर दिनेश कुमार मौर्य ने ड्रग इंस्पेक्टर राजेश जिनवाल को रीमैन लैब्स के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति देते हुए तुरंत कोर्ट में केस प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
एक्सपर्ट बोले -दो साल से अटकी जांच एक दिन में कैसे पूरी हुई?
- एक्सपर्ट का कहना है कि दो साल से अटकी जांच एक ही दिन में कैसे पूरी हो गई। इसका अर्थ है कि जांच पहले से पूरी हो चुकी थी और सिर्फ आरोपियों को फायदा पहुंचाने के लिए कोर्ट में प्रकरण दर्ज नहीं किया जा रहा था।
- नियमानुसार प्रकरण में फैक्ट्री के सभी संचालकों को आरोपी बनाया जाना चाहिए। इस बात की भी जांच की जाना चाहिए कि लैब को दूसरे स्थान पर संचालन का लाइसेंस इतनी जल्दी कैसे मिल गया।
- हालांकि ड्रग लाइसेंसी अथॉरिटी मनमोहन मोलासरिया से बात की। उन्होंने कहा फैक्टरी को लाइसेंस नई शर्तों पर दिया गया है।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
भास्कर से ही पता लगा कि इस केस में इतनी लापरवाही बरती गई है। त्वरित कार्रवाई करते हुए कोर्ट केस दर्ज करने के लिए ड्रग इंस्पेक्टर को निर्देशित कर दिया है। -दिनेश कुमार मौर्य, ड्रग कंट्रोलर, म.प्र.