6 घंटे में बनती गामा पहलवान की खास मिठाई, मिनटों में हो जाती आउट ऑफ स्टॉक! नाम पता है इसका?

6 घंटे में बनती गामा पहलवान की खास मिठाई, मिनटों में हो जाती आउट ऑफ स्टॉक! नाम पता है इसका?


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Rakshabandhan Special Mithai: सागर की मशहूर फैनी मिठाई, जिसे गामा पहलवान 3 पीढ़ियों से बना रहे हैं, रक्षाबंधन पर राखी बांधने जितनी खास मानी जाती है. जानिए कैसे रेशम जैसे धागों से बनती है ये अनोखी मिठाई जो सिर्फ…और पढ़ें

अनुज गौतम, सागर: सागर की गलियों में एक खुशबू है जो बरसात शुरू होते ही हवा में घुलने लगती है ये है ‘फैनी’ मिठाई की खुशबू. ये कोई आम मिठाई नहीं, बल्कि ऐसा स्वाद है जो रक्षाबंधन पर बहन के हाथों की राखी जितना ही अहम समझा जाता है. खास बात यह है कि इसे केवल सावन-भादौं यानी मानसून में ही बनाया और खाया जाता है.

रामपुरा, सागर के एक कोने में बसा है गुप्ता परिवार, जिनकी फैनी ‘गामा पहलवान फैनी’ नाम से दूर-दूर तक जानी जाती है. गामा पहलवान खुद बताते हैं कि उनके दादा से लेकर अब तक यह मिठाई तीन पीढ़ियों से बन रही है. बारिश शुरू होते ही वे फैनी बनाने में जुट जाते हैं, जो सिर्फ दो महीने तक मिलती है.

इस मिठाई की सबसे खास बात ये है कि इसे बनाना हर किसी के बस की बात नहीं. इसके लिए खास हुनर और सालों का तजुर्बा चाहिए. गामा पहलवान बताते हैं कि फैनी को इतना बारीक और महीन बनाया जाता है कि वह रेशम के धागों जैसी लगती है. इसीलिए कहा जाता है कि फैनी खिलाना मतलब राखी बांधना क्योंकि दोनों ही प्यार और परंपरा से जुड़ी हैं.

फैनी दो तरह की बनती है मीठी और फीकी. महंगे वर्जन में शुद्ध घी का इस्तेमाल होता है जबकि सस्ती वाली में डालडा लिया जाता है. पहले मैदा गूथकर उसकी लोइयां बनाई जाती हैं, फिर उन्हें बार-बार घी लगाकर पतला किया जाता है. जब ये लोइयां रस्सी जैसी बन जाएं तो उन्हें लपेटकर घुमा देते हैं और फिर तेल में तलते हैं. मीठी फैनी को चाशनी में डालते हैं जबकि फीकी सीधी रख ली जाती है.

6 घंटे की मेहनत के बाद एक बार में करीब 30 किलो फैनी बनती है. थोक में इसका दाम 250-280 रुपये किलो और फुटकर में 400-600 रुपये किलो तक पहुंच जाता है.

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6 घंटे में बनती गामा पहलवान की खास मिठाई, मिनटों में हो जाती आउट ऑफ स्टॉक!



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