हरदा जिले में शनिवार को राजस्व निरीक्षक संघ ने संयुक्त कलेक्टर संजीव कुमार नागू को ज्ञापन सौंपकर सार्थक एप से प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज करने की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की। संघ का कहना है कि फील्ड ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के लिए यह प्रणाली व्य
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जिले के सभी राजस्व निरीक्षकों को 1 अगस्त 2025 से सार्थक एप के माध्यम से प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, एप पर दर्ज उपस्थिति को ही वेतन भुगतान का आधार बनाया गया है। इस व्यवस्था को लेकर फील्ड में कार्यरत निरीक्षक विरोध जता रहे हैं।
नेटवर्क की समस्या और फील्ड ड्यूटी बना रही मुश्किल संघ के जिलाध्यक्ष संतोष पाराशर ने बताया कि राजस्व निरीक्षक ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में फील्ड ड्यूटी पर होते हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क की समस्या आम बात है। ऐसे में एप से उपस्थिति दर्ज कराना संभव नहीं होता। उन्होंने कहा कि निरीक्षकों को अक्सर आकस्मिक निर्देशों के तहत क्षेत्र में भेजा जाता है, यहां तक कि अवकाश के दिन भी वे काम पर रहते हैं।
अन्य जिलों में भी नहीं हो रही एप से उपस्थिति मध्य प्रदेश राजस्व निरीक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी ने भी इस प्रणाली का विरोध किया है। संघ के अनुसार, प्रदेश के कई अन्य जिलों में अभी भी राजस्व निरीक्षक सार्थक एप से उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे हैं। ऐसे में हरदा जिले में यह अनिवार्यता उचित नहीं है।
ज्ञापन सौंपते समय कई पदाधिकारी मौजूद रहे ज्ञापन सौंपते समय राजस्व निरीक्षक संघ के सदस्य पंकज खत्री, लालू तिरोले, धर्मेंद्र सोलंकी, हेमंत गोस्वामी, श्रद्धा गोस्वामी, सुषमा तिवारी और आनंद मोहन तिवारी उपस्थित रहे। सभी ने संयुक्त कलेक्टर के समक्ष सार्थक एप की अनिवार्यता खत्म करने की एकजुट मांग रखी।