बालाघाट के वन विभाग में कार्यरत वनरक्षक गुलाबसिंह उईके ने अपने ही विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने शनिवार को सीएम हेल्पलाइन, कलेक्टर और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की है।
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गुलाबसिंह का आरोप है कि उन्हें बिना गलती के असंवैधानिक तरीके से निलंबित किया गया है। वे न्याय के लिए हाईकोर्ट और मानव अधिकार आयोग जाने की बात कह रहे हैं।
बाघ ने किसान पर किया था हमला, गुलाब सिंह निलंबित
मामला 3 मई 2025 का है, जब कटंगी परिक्षेत्र के कुड़वा बीट में एक बाघ ने खेत में सो रहे किसान प्रकाश पर हमला कर दिया था। इस हमले में किसान की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद विभाग ने गुलाबसिंह को निलंबित कर दिया था।
गुलाबसिंह के अनुसार, घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने उन्हें मारने का प्रयास किया था। उन्होंने जान बचाने के लिए एक घर में शरण ली थी। बाद में पुलिस की मौजूदगी में जनहानि का प्रकरण बनाया गया। उन्होंने तिरोड़ी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस ने ग्रामीणों के खिलाफ बीएनएस और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान का मामला दर्ज किया था। इसी दिन वरिष्ठ अधिकारियों ने गुलाबसिंह को निलंबित कर दिया।
गुलाबसिंह का कहना है कि उनका निलंबन संवैधानिक प्रक्रिया से नहीं किया गया। उन्हें निलंबन से पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया और निलंबन आदेश सिर्फ व्हाट्सएप पर भेजा गया।
एसडीओ को 7 कॉल किए, जवाब नहीं मिला
वनरक्षक ने बताया कि घटना की जानकारी देने वरिष्ठ परिक्षेत्र अधिकारी बाबूलाल चढ्ढार को 39 बार और एसडीओ बी.आर. सिरसाम को 7 बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। आरोप है कि विभाग उनके और ग्रामीणों के बीच विवाद का हवाला दे रहा है, जो गलत है। इधर, तीन महीने से निलंबन भुगत रहे गुलाबसिंह को मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
… तो मानवाधिकार आयोग जाऊंगा
वनरक्षक ने बताया कि यदि मुझे बहाल नहीं किया जाता, निलंबन अवधि को कार्य अवधि नहीं माना जाता है तो, हाईकोर्ट और मानव अधिकार आयोग जाऊंगा। मामले में हमने एसडीओ बीआ. सिरसाम, परिक्षेत्र अधिकारी बाबुलाल चढ्ढार, वनमंडलाधिकारी से उनके दूरभाष पर पक्ष जानने का प्रयास किया, लेकिन जवाब नहीं मिला।