मुरैना के बीहड़ इलाकों में पंचायत से भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यहां विकास कार्य किए बिना ही सरपंच और रोजगार सहायक सचिव ने रुपए निकाल लिए। मामला सबलगढ़ विकास खंड की ग्राम पंचायत धरसौला का है, जहां किसान मांगी जाटव की पट्टे की जमीन पर फाइलों में
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अब इस फर्जीवाड़े का पता जब किसान मांगी जाटव को चला तो वह इस भ्रष्टाचार की शिकायत और जाँच करवाने को बात कर रहा। दरअसल पंचायत धरसौला के रहने वाले मांगी जाटव को कई सालों पहले शासकीय जमीन पट्टा दिया गया था। मांगी अपने गांव और पास में ही लगे बीरपुर इलाके में मजदूरी करता है।
रसौला में मनरेगा से तीन तालाब मंजूर हुए थे, जिसमें तीनों तालाब बनाकर राशि निकाली गई है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा सबलगढ़ विकास खंड की पंचायत धरसौला में मनरेगा से तीन तालाब मंजूर हुए थे, जिसमें तीनों तालाब की राशि निकाली गई है। कायदे से तालाब मनरेगा मजदूरों द्वारा तालाब चिह्नित जगह पर खोद कर बनवाना था लेकिन दो जगह सिर्फ जेसीबी से तालाब की किनारी बनवा कर राशि निकाल ली गई।
पट्टे वाली जमीन की राशि निकाली हद तो तब हुई जब मांगी जाटव के पट्टे वाली जगह पर तालाब बिना बनाए राशि निकाली गई। मांगी जाटव की बिना सहमति के उसकी जमीन पर तालाब मंजूर करवाया और उसके लिए 4 लाख 51 हजार की राशि मंजूर हुई। बिना कार्य किए तालाब की राशि 3 लाख 25 हजार निकाल भी ली।
खास बात यह है कि राशि मांगी जाटव के खाते से निकली है जबकि मांगी को इसकी खबर तक नहीं।
इधर धरसोला पंचायत की महिला सरपंच नीतू शाक्य के मोबाइल नम्बर 9131520364 पर फोन लगाकर इस मामले की जानकारी चाही गई तो फोन किसी पुरुष ने उठाया। उन्होंने अपना नाम बताए बिना बोला मैं सरपंच पति का छोटा भाई हूं, भाई साहब सब देखते हैं।
राशि मांगी की निकली है, शाम को भाई साहब आयेंगे तो बता दूंगा। यह बोलकर फोन काट दिया और बंद भी कर लिया। वहीं रोजगार सहायक अतर सिंह धाकड़ को जब फोन किया तो वह बंद आया।
मुरैना के जनपद सीईओ कमलेश भार्गव ने बताया

धरसोला में तीन तालाब मंजूर हुए थे एक की बिना बनाये राशि निकलने की जानकारी मिली है। बने तालाबों की गुणवत्ता की जांच कराएंगे। बचा तीसरा तालाब जिसकी राशि बिना काम के निकाली है, वह जांच कराकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करेंगे।