सिंगरौली जिले के बरगवां में स्थित कोल यार्ड पर राजस्व, पुलिस और खनिज विभाग की संयुक्त टीम ने छापेमारी की है। यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर लंबे समय से वायरल हो रही कोयले में मिलावट की शिकायतों के बाद की गई।
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माइनिंग इंस्पेक्टर अशोक मिश्रा ने बताया कि टीम ने यह जांच की है कि कोल यार्ड जिस जमीन पर है, वह किन-किन कंपनियों को आवंटित की गई है। इससे पहले 2 अगस्त को बरगवां थाना पुलिस ने एक ट्रक में पत्थर का डस्ट बरामद किया था। आरोप था कि इसे कोयले में मिलाने के लिए लाया गया था।
कंपनियों को एक हफ्ते में दस्तावेज देने होंगे
इसी शिकायत के आधार पर यह जांच की जा रही है कि क्या वास्तव में कोयले में मिलावट की जाती है। टीम ने कोल यार्ड चला रही सभी कंपनियों से एक सप्ताह के भीतर अपने दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है।
माइनिंग इंस्पेक्टर ने बताया कि यहां 15 से 28 नंबर तक के प्लॉट हैं, जो अलग-अलग लोगों को आवंटित किए गए हैं। दस्तावेज मिलने के बाद यह पता लगाया जाएगा कि किस प्लॉट में कितना टन कोयला स्टॉक किया गया है और नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड ने इन कंपनियों को कितनी सप्लाई की है।
टीम ने कोयले के सैंपल भी जब्त किए हैं, जिन्हें सेंट्रल लैबोरेट्रीज भेजा जाएगा। वहां से कोयले में मिलावट से संबंधित जानकारी मिल सकती है। इस कार्रवाई के बाद कोयले के कारोबार से जुड़े व्यापारियों में हड़कंप की स्थिति है।
